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ब्राह्मणों पर विवादित टिप्पणी करनेवालों को अखिल भारतीय सर्व ब्राम्हण महासभा ने ललकारा, कहा हिम्मत है तो बाहर करके दिखाओ

ब्राह्मणों पर विवादित टिप्पणी करनेवालों को अखिल भारतीय सर्व ब्राम्हण महासभा ने ललकारा, कहा हिम्मत है तो बाहर करके दिखाओ

PATNA : अखिल भारतीय सर्व ब्राम्हण महासभा गया जी धाम ने कई क्षेत्रीय दलों द्वारा ब्राह्मणों पर किए जा रहे अमर्यादित टिप्पणियों को गंभीरता से लेते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कहा गया की ब्राह्मणों के प्रति जिस तरह से बयानबाजी का सिलसिला जारी है वह समाज व राष्ट्र के हित में नहीं है। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मधुरेंदु पांडेय ने ललकारते हुए कहा कि हिम्मत है तो देश से ब्राह्मणों को बाहर करके दिखाओ। 

ब्राह्मणों का डीएनए टेस्ट करने की कूवत राजद जैसी पार्टियों के नेताओं में नहीं है। ब्राह्मणों पर अमर्यादित टिप्पणी करके सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का नायाब तरीका क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने अपना लिया है। जिसे जनता बखूबी समझती है। डॉ. पांडेय ने बाबा बागेश्वर धाम की बिहार आगमन का स्वागत किया है और कहा है कि बिहार किसी के बाप की जागीर नहीं है कि बाबा बागेश्वर धाम को आने से कोई रोके। उन्होंने कहा की हिम्मत है तो रोक के दिखाओ। पांडेय ने कहा कि पाखंडी क्या जाने ईश्वरीय अंश क्या होता है जो बाबा बागेश्वर धाम में विराजमान है।

पांडेय ने कहा कि ब्राह्मणों को कमजोर होने की भ्रम लोग ना पाले। इतिहास गवाह है की सनातन धर्म और भारत की संस्कृति की रक्षा के लिए शास्त्र के साथ शस्त्र भी ब्राह्मण उठाने से नहीं चूकता। पांडेय ने कहा कि चाणक्य जैसे ब्राह्मण गुल्ली डंडा खेलने वाले अशोक को जब राज सिंहासन पर बैठा सकता है। देश की आजादी के लिए मंगल पांडे चंद्रशेखर आजाद जैसे अप्रतिम योद्धा अपनी जान की आहुति दे सकता है। देश के लोगों को शिक्षा प्रदान करने हेतु पंडित मदन मोहन मालवीय जब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का निर्माण करा सकते हैं। उस ब्राह्मण जाति पर उंगली उठाने के पहले गंदी सियासत करने वाले नेताओं को ब्राह्मणों के इतिहास भूगोल सब पढ़ लेना चाहिए। 

उन्होंने कहा की भगवान परशुराम को अच्छी तरह याद कर लेना। आज भी इन सब के वंशज देश में निवास करते हैं। साथ ही महासभा ने टिप्पणी करने वाले सभी क्षेत्रीय दलों से पूछा है कि आप स्पष्ट करें कि राज्य और देश में कितने विश्वविद्यालय अस्पताल की स्थापना किया। जिससे कि समाज के लोगों को लाभ मिल सके। जबकि ब्राह्मणों ने भिक्षाटन कर विश्वविद्यालय का निर्माण कराया। अस्पताल बनवाया। स्कूल और कॉलेज बनवाया। ब्राह्मणों की दी हुई शिक्षा का ही आज नतीजा है कि कुछ बोलने लायक भी बन पाए हो। ब्राह्मणों की उदारता और शांति का परीक्षा मत लो। सत्ता के लिए ब्राह्मणों को टारगेट पर रखने की भूल मत करो , ना सिंहासन बचेगा ना ताज। सब मिट्टी में मिल जायेगा।

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