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अजब-गजब का खेल ! मोतिहारी में RWD इंजीनियर व संवेदक की मिलीभगत का खुलासा, किसी और सड़क का टेंडर कर दूसरे सड़क का हो रहा निर्माण

अजब-गजब का खेल ! मोतिहारी में RWD इंजीनियर व संवेदक की मिलीभगत का खुलासा, किसी और सड़क का टेंडर कर दूसरे सड़क का हो रहा निर्माण

MOTIHARI:  बिहार में इंजीनियरों से जुड़े विभाग में अजब-गजब का खेल किया जा रहा है. टेंडर किस सड़क का और निर्माण किस सड़क का किया जा रहा है. यह खेल पूर्वी चंपारण जिले में हो रहा. ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल अरेराज में इस तरह के खेल का खुलासा हुआ है. अधिकारियों व संवेदक के मिलीभगत से टेंडर किसी और सड़क का निर्माण किसी और सड़क का हो रहा । इस सवाल पर RWD के सहायक अभियंता के पास भी माकूल जवाब नहीं. 

टेंडर किसी का और काम किसी का...

आश्चर्य इस बात की है कि कार्य स्थल पर लगे बोर्ड पर दूसरे सड़क का नाम लिखा हुआ है । स्थानीय लोगों की मानें तो जिस सड़क का निर्माण किया जा रहा वह महज आधा किलोमीटर है. विभाग के अधिकारी की माने तो भले ही बोर्ड पर दूसरा नाम है, लेकिन टेंडर होने के बाद सर्वे में जर्जर सड़क का निर्माण हो रहा है. अरेराज ग्रामीण कार्य विकास कार्य प्रमंडल अरेराज के सरेया पंचायत का यह मामला बताया जा रहा है । ग्रामीण क्षेत्र में टेंडर किसी का और सड़क निर्माण किसी और का,यह चर्चा जोरों पर है ।सड़क निर्माण मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति के तहत हो रहा है. 

जांच हो तो खुल जायेगा पिटारा 

मोतिहारी जिला के अरेराज ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल में कार्य स्थल पर लगे बोर्ड पर पीएमजीएसवाई रोड देवनरायन दास के घर से मध्य विद्यालय होते हुए नहर तक सड़क निर्माण का टेंडर हुआ है । सड़क की लंबाई 800 मीटर है। जिसकी लागत 56 लाख 57 हज़ार971 रुपया है । लेकिन नियम को ताक पर रखकर विभागीय मिलीभगत से टेंडर किये गए सड़क को छोड़कर कार्यस्थल से 500 मीटर की दूरी पर नर्मदा पाण्डेय घर से अवधिया टोला जाने वाली दूसरी सड़क का निर्माण कराया जा रहा है । सूत्रों की माने तो दोनों सड़क दो तरफ जाती है। क्षेत्र में चर्चा का विषय है कि जिस सड़क का टेंडर हुआ है वह सड़क पूर्व में पंचायत योजना से पीसीसी ढलाई हो चुका है । आखिर जब सड़क पंचायत से ढलाई हुआ था तो फिर उसका टेंडर कैसे हो गया । वही ग्रामीणों ने वरीय अधिकारी से सूक्ष्म तरीके से जांच करने की मांग किया है।

क्या कहते हैं इंजीनियर 

ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल अरेराज के एसडीओ ने बताया कि मेरे कार्यकाल के पूर्व ही सड़क का टेंडर हुआ था । जिस जर्जर सड़क का सर्वे हुआ था उसी का निर्माण कराया जा रहा है। बोर्ड पर जिस सड़क का नाम अंकित है, उक्त पंचायत में मात्र वही सड़क जर्जर था । वहीं कार्यस्थल पर लगाये गए बोर्ड और कार्य स्थल पर भारी अंतर की बात पर सहायक अभियंता कुछ भी बोलने से परहेज करते नजर आए 

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