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बिहारी मजदूर का कमाल,पढ़ाई के लिए JNU में मिला एडमिशन..शानदार तरीके से पास किया CUET टेस्ट, सामने आ गई बिहारी शिक्षा का खामियां

बिहारी मजदूर का कमाल,पढ़ाई के लिए JNU में मिला एडमिशन..शानदार तरीके से पास किया CUET टेस्ट, सामने आ गई बिहारी शिक्षा का खामियां

PATNA : बिहारियों की प्रतिभा का लोहा देश के हर राज्य मानते हैं। यह बात एक बार फिर सही साबित हुई है। बिहार के रहने वाले एक दिहाड़ी मजदूर ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में एडमिशन पा लिया है। किसान परिवार से आने वाले आदर्श कुमार ने 22 साल की उम्र में JNU के अंडर ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन लिया है. इसके लिए आदर्श ने CUET परीक्षा क्वालीफाई की है। लेकिन आदर्श की इस कामयाबी में बिहार की उच्च शिक्षा की खामियां भी सामने आ गई है

बिहार के भोजपुर जिले के छपरापुर गांव के रहने वाले आदर्श के पिता सत्येंद्र कुमार और बड़े भाई प्रीतम कुमार दिहाड़ी मजदूर हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, आदर्श बचपन से ही सेना में अधिकारी बनना चाहते थे. इसके लिए वो लगातार तैयारी भी कर रहे थे. दसवीं क्लास में आदर्श के 75 प्रतिशत नंबर आए थे. वहीं 12वीं क्लास में 58 प्रतिशत नंबर आए थे. इसके बाद आदर्श ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के लिए मगध यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया.

मगध विवि की लेटलतीफी ने बर्बाद किए पांच साल

मगध यूनिवर्सिटी में आदर्श ने मैथ्स ऑनर्स में एडमिशन लिया. उनके मुताबिक, उनका बैच 2018 से 2021 का था. लेकिन पिछले पांच सालों में आदर्श का ग्रेजुएशन पूरा नहीं हो पाया. आदर्श ने बताया, “मैं काफी परेशान हो गया था. ग्रेजुएट लेवल के एग्जाम क्वालीफाई हो जाते थे, लेकिन जब डिग्री ही नहीं है तो इसका क्या फायदा. इसके लिए यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन भी किया, पुलिस से लाठी भी खाई. लेकिन कुछ भी नहीं हुआ. यूनिवर्सिटी में रेगुलर वाइस चांसलर रहेगा तभी तो कोई फैसले लेगा.”

अंग्रेजी नहीं जानने के कारण NDA नहीं निकाल सका

आदर्श ने आज तक को बताया कि वो साल 2018 में 12वीं पास करके दिल्ली आए थे. दिल्ली आने का कारण था नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) का SSB इंटरव्यू. लेकिन आदर्श अंग्रेजी में कमजोर होने की वजह से SSB का इंटरव्यू नहीं निकाल पाए. इसके बाद आदर्श ने दिल्ली रहकर ही तैयारी शुरू कर दी. आदर्श का सपना था कि वो सेना में अधिकारी बनें. लेकिन उम्र ज्यादा होने के कारण उन्होंने तय किया कि वो अब यूपीएससी (UPSC) की तैयारी करेंगे।

दिल्ली में की दिहाड़ी मजदूरी

 लेकिन दिल्ली में रहना-खाना काफी महंगा था, तो उन्होंने बिहार के लोगों से संपर्क किया. उनके साथ फैक्ट्री में काम भी किया. लेकिन मजदूरी के साथ-साथ पढ़ाई करना संभव नहीं था. ऐसे में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

JNU में फीस कम थी तो लिया एडमिशन

आदर्श ने बताया कि वो दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में एडमिशन लेना चाहते थे. लेकिन DU की फीस ज्यादा होने के कारण आदर्श ने JNU में एडमिशन लिया है. आदर्श ने जापानी लैंग्वेज कोर्स में दाखिला लिया है. आदर्श ने बताया कि JNU में फीस और खाने का खर्च कम है, इस वजह से यहां एडमिशन लिया है। 

उनके मुताबिक पांच साल के इंटीग्रेटेड प्रोग्राम की फीस DU में काफी ज्यादा है, वो इतना खर्च उठा नहीं सकते थे. आदर्श को JNU में जापानी भाषा पढ़ने के लिए एडमिशन मिला है।


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