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मनोज झा का समर्थन करने पर लालू प्रसाद को आनंद मोहन ने दी चेतावनी, कहा - साथ में है, लेकिन भीखमंगा समझने की भूल नहीं करना

मनोज झा का समर्थन करने पर लालू प्रसाद को आनंद मोहन ने दी चेतावनी, कहा - साथ में है, लेकिन भीखमंगा समझने की भूल नहीं करना

PATNA : राजपूतों को लेकर दिए गए बयान को लेकर राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा को लालू प्रसाद का समर्थन मिलने के बाद अब मामला और गहरा गया है। यह लड़ाई अब मनोज झा से हटकर लालू प्रसाद और आनंद मोहन के बीच होती नजर आने लगी है। जिस तरह से लालू प्रसाद ने मनोज झा के बयान को सही बताया, उसके बाद अब आनंद मोहन ने इशारों-इशारों में बड़ी चेतावनी दे दी है। उन्होंने कहा कि अगर हम किसी के साथ हैं, तो इसका मतलब ये नहीं कि हम राजनीतिक तौर पर भिखमंगा हैं। 

परवाह नहीं कौन किसकी पार्टी के साथ खड़ा है

आनंद मोहन ने कहा कि अगर आप आप हमें एक या दो विधानसभा सीट पर समर्थन करेंगे तो हम 243 विधानसभा सीट पर हमारा समर्थन करेंगे। अगर आप एक लोकसभा सीट पर हमें समर्थन करेंगे तो हम आपको 40 लोकसभा सीट पर समर्थन करेंगे। हम अन्याय के खिलाफ लड़ने वालों में है। और मरते दम तक कमजोर और अन्याय के खिलाफ लड़ते रहेंगे। इसलिए हम इसकी परवाह नहीं करते कि कोई कौन सी पार्टी किसके साथ खड़ा है।

आनंद मोहन ने कहा कि मनोज झा ने संसद में कहा कि न्यायपालिका में ठाकुर बैठा है, संसद में ठाकुर बैठा है। अपने अंदर के ठाकुर को मारो में पूछता हूं कि संसद में कौन बैठा है, न्यायपालिका में कौन बैठा है। वहीं मनोज झा के माफी मांगने के सवाल पर आनंद मोहन ने कहा कि माफी बड़े लोग मांगते हैं।

 गांधी जी बार-बार माफी मांगी, जय प्रकाश जी ने माफी मांगी, महात्मा बुद्ध तक ने माफी मांगी। गलतियां सुधार कर लोग बड़े बनते हैं। मनोज झा तो बीजेपी का एजेंट है। उन्होने कहा कि हम इनके बड़े पिताजी को भी जानते हैं। खुद को बहुत बड़ा समाजवादी कहते थे। लेकिन जब कांग्रेस की सरकार बनी तो समाजवादी का चोगा उतार कर कांग्रेस में शामिल हो गए और मंत्री बन गए।

मेरे सामने मनोज झा को ऐसा बयान देने की हिम्मत नहीं

आनंद मोहन ने कहा कि अगर में संसद में बैठा होता और उस वक्त मनोज झा ने ऐसा बयान दिया होता, वो पेंट गीली हो जाती है। हिमाकत नहीं होती ऐसा बयान देने की। मेरा इतिहास है, आजादी के बाद पहली बार राज नारायण जी का मार्शल आउट हुआ था, दूसरी बार सदन में मेरा मार्शल आउट हुआ था। उन्होंने कहा कि वाल्मिकी की कविता में कहां लिखा है कि अपने अंदर के ठाकुर को मारो, संसद में बैठा है, न्यायपालिका में बैठा है। आनंद मोहन ने मनोज झा को पूर्वाग्रह से ग्रसित और छली नेता करार दिया।


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