बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

शराबकांड पीड़ितों को मुआवजा दिलाने को भाजपा की एक और बड़ी पहल, राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग से की बड़ी मांग

शराबकांड पीड़ितों को मुआवजा दिलाने को भाजपा की एक और बड़ी पहल, राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग से की बड़ी मांग

पटना. जहरीली शराब से छपरा में करीब 75 लोगों की हुई मौत मामले में भाजपा की ओर से बिहार सरकार पर मुआवजा जारी करने का दबाव लगातार बनाया जा रहा है. इसी क्रम में भाजपा प्रवक्ता डॉ संजय मयूख ने शुक्रवार को राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग को एक ज्ञापन सौंपा. उन्होंने आयोग से बिहार सरकार को पीडितो के बच्चों के भरण-पोषण के लिए मुआवजा जारी करने की मांग की. 

मयूख ने कहा कि आयोग को बताया कि बिहार के छपरा, सीवान, गोपालगंज और बेगूसराय में हाल ही में हुए जहरीली शराब कांड में लगभग 75 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है जबकि मीडिया में सामने आये आंकड़ों के अनुसार मरने वाले लोगों की संख्या 100 से अधिक है। इतने सबसे अधिक मृत्यु छपरा जिले के मशरक इलाके में हुई है जहां जहरीली शराब के कारण लगभग 70 से अधिक लोगों की मौत हुई है. इसुआपुर महुली बहरौली, मशरक तख्त, शास्त्री टोला, दु मोड, दुगरौली, पचखण्डा, वेन छपरा, शिवरमुक्का, सिसवां कहन, डोइला, अमनौर महरा, दरियापुर गोपालबाड़ी, मशरक, टोले छपिया, डुमरी छपिया, घोधिया, हनुमानगंज, चहपुरा, ननो सिरसिया, लालापुर, खरौनी, तरैया, हुस्सेपुर, महुली आदि गाँवों में तो कई ऐसे परिवार है जहां या तो अब सिर्फ महिलाएं बची हैं या कोई बच्चा। दर्जनों ऐसे परिवार हैं जिनके घरों में दुधमुंहा बच्चे हैं और उनके सर से कमाने वाले पिता का साया उठ गया है। 

उन्होंने कहा कि  इस जहरीली शराब कांड में कई बच्चे अनाथ और असहाय हो गए हैं। ये अधिकतर दिहाड़ी मजदूरी वाले परिवार हैं। ऐसे में इन बच्चों के जीवन पर भी संकट आन पड़ा है। इनके लिए दो वक्त भोजन जुटाना भी एक बड़ी समस्या बन गई है। इस स्थिति में बिहार की राज्य सरकार ने भी ऐसे बच्चों से मुंह मोड़ लिया है और इन्हें मरने के लिए छोड़ दिया है। इन गाँवों में स्थिति काफी भयावह होती जा रही है।

उन्होंने राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग से अनुरोध किया कि वह बिहार सरकार को ऐसे बच्चों के भरण-पोषण हेतु इन परिवारों को तत्काल मुआवजा उपलब्ध कराने के निर्देश दे ताकि असहाय हो चुके ये बच्चे जीवन से संघर्ष कर आगे बढ़ सके।


Suggested News