बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

अंतरिक्ष की दुनिया में इसरो की एक और कामयाबी : पुन: इस्तेमाल होने वाले पहले लॉन्च वाहन (रॉकेट) की सफल लैंडिंग

अंतरिक्ष की दुनिया में इसरो की एक और कामयाबी : पुन: इस्तेमाल होने वाले पहले लॉन्च वाहन (रॉकेट) की सफल लैंडिंग

DESK :अंतरिक्ष की दुनिया में इसरो ने 'पुष्पक' नामक अपने पहले Reusable Launch Vehicle (RLV) यानी पुन: इस्तेमाल होने वाले पहले लॉन्च वाहन (रॉकेट) के लैंडिंग मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। यह परीक्षण शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग के पास चल्लकेरे में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (ATR) में सुबह सात बजकर 10 मिनट पर किया गया। इस दौरान प्रक्षेपण स्थल पर इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

इसरो ने बताया कि भारतीय वायु सेना का चिनूक हेलीकॉप्टर पंखों वाले पुष्पक नामक इस यान को ऊपर लेकर गया और इसे 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया। उसने बताया कि रनवे से चार किलोमीटर की दूरी पर छोड़े जाने के बाद ‘पुष्पक’ स्वायत्त तरीके से ‘क्रॉस-रेंज’ सुधार करते हुए रनवे पर पहुंचा। यह सटीक तरीके अपने ब्रेक पैराशूट, लैंडिंग गियर ब्रेक और नोज व्हील स्टीयरिंग प्रणाली का सफलता पूर्वक इस्तेमाल करते हुए रनवे पर उतरा।

पुष्पक विमान की खूबियां

पुष्पक पुन: इस्तेमाल होने वाला एक लॉन्चिंग विमान है। यह पंखों वाला हवाई जहाज जैसा दिखने वाला विमान है।

इसकी लंबाई 6.5 मीटर है और वजन 1.75 टन है। यह विमान रोबोटिक लैंडिंग क्षमता से लैस है।

ऑनबोर्ड नेविगेशन सिस्टम रनवे के आसपास की बाधाओं को पार करने के लिए 350 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति से यह लैंडिंग करने में सक्षम है।

ये अंतरिक्ष तक पहुंच को किफायती बनाने में कारगर साबित हो सकता है। इसका ऊपरी हिस्सा सबसे महंगे उपकरणों से लैस है। इसे धरती पर वापस लाकर रियूजेबल बनाया जा सकता है।

रियूजेबल होने की वजह से यह अंतरिक्ष में मलबे को कम करेगा। यह बाद में अंतरिक्ष में किसी सैटेलाइट में इंधन भरने या किसी सैटेलाइट को ठीक करने के लिए वापस लाने में भी मदद करेगा। 

इसरो ने बताया बड़ी उपलब्धि

इस परीक्षण के बाद ISRO ने एक्स पर लिखा, "इसरो ने एक बार फिर कमाल किया! पुष्पक (RLV-TD), पंखों वाला वाहन, ऑफ-नोमिनल स्थिति से मुक्त होने के बाद रनवे पर सटीकता के साथ स्वतंत्र रूप से उतरा।" इसके साथ ही इसरो ने कहा कि उसने ‘आरएलवी एलईएक्स-02’ लैंडिंग प्रयोग के माध्यम से पुन: इस्तेमाल होने वाले प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।


Suggested News