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सदर अस्पताल की व्यवस्था : जेनरेटर सुविधा होने के बाद भी चलाना जरुरी समझता प्रबंधन, मोबाइल टॉर्च की रोशनी में होता है मरीजों का इलाज

सदर अस्पताल की व्यवस्था : जेनरेटर सुविधा होने के बाद भी चलाना जरुरी समझता प्रबंधन, मोबाइल टॉर्च की रोशनी में होता है मरीजों का इलाज

MUNGER : स्वास्थ्य विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव सरकारी अस्पताल में बेहतर सुविधा देने की बात का कितना भी दावे क्यों न कर ले लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार होता नहीं दिखता। हालत यह है कि अस्पताल में इलाज करने वाले मरीज एक और जहां बाजार से पॉलिथीन खरीद कर बारिश से बचने के लिए अस्पताल में आकर भर्ती होते हैं तो वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पताल में डीजी जेनरेटर सेट रहते हुए भी स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी के कारण मरीज को अंधेरे में रहकर इलाज कराना पड़ता है। इसका खामियाजा स्वास्थ्य कर्मियों को भी भुगतना पड़ता है।

 जिस कारण वह मोबाइल टॉर्च के सहारे सदर अस्पताल में मरीजों का इलाज करते हैं। सदर अस्पताल में मरीज का अंधेरे में इलाज करते हुए वीडियो  सामने आया है। यह वीडियो मुंगेर सदर अस्पताल का है।शनिवार कि सुबह लगभग 11:00 बजे मौसम में परिवर्तन हो जाने के कारण और तेज आंधी के साथ बारिश होने की वजह से अचानक बिजली कट गई। इस दौरान अस्पताल से थोड़ी दूर पर एक पेड़ गिर गया जिस कारण से लगभग 1 घंटे तक बिजली बाधित रहा।

बिजली बाधित रहने तक अस्पताल में मौजूद जनरेटर सेट को कर्मियों के द्वारा नहीं चलाया गया जिस कारण लगभग 1 घंटे तक सदर अस्पताल के प्रसूता वार्ड सहित अन्य कई वार्ड मेंअंधेरा रहा और मोबाइल के सहारे स्वास्थ्यकर्मी मरीजों का इलाज करते दिखा। इतना ही नहीं स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा महिला मरीजों को मोबाइल टॉर्च के सहारे इंजेक्शन लगाया गया। इस घटना का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

जांच के लिए बनाएंगे टीम

वहीं इस मामले में सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ पीएम सहाय ने बताया कि अभी मेरे संज्ञान में मामला आया है।हम एक टीम का गठन कर जांच कर कार्रवाई करेंगे।अस्पताल में जेनरेटर की भी सुविधा है और सख्त संदेश भी दिया गया है कि अगर बिजली जाती है या किसी प्रकार की दिक्कत होती है तो तुरंत जेनरेटर चलाने का निर्देश है।

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