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'तीर' थामते ही अशफाक करीम का बदल गया सुर, कहा-नीतीश ने बीजेपी के साथ रहते भी अकलियत समाज को आगे बढ़ाया है...

'तीर' थामते ही अशफाक करीम का बदल गया सुर, कहा-नीतीश  ने बीजेपी के साथ रहते भी अकलियत समाज को आगे बढ़ाया है...

कटिहार-  से टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने शनिवार को राजद से इस्तीफा देकर जेडीयू का दामन थाम लिया. जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. जदयू का तीर थामते ही पूर्व राज्यसभा सांसद ने जदयू में शामिल होने पर कहा कि  नीतीश कुमार भाजपा के साथ रहने के बावजूद बिहार को उत्तर प्रदेश नहीं बनने दिया, इसी भरोसे के साथ जदयू का दामन थमा है. 

करीं ने साफ कर दिया कि बिहार में जो 16 सीट जदयू को मिला है, उसमें जीत पक्की करवाने के लिए वह पूरा जोर शोर से मेहनत करेंगे, जहां तक भाजपा का सवाल है वह चाहते कि भाजपा की भी विजय हो, तभी नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी दोनों मजबूत होंगे. 

एनडीए के चार सौ पार के सवाल पर पूर्व राज्यसभा सांसद ने कहा कि वह इस बारे में कोई कयास नहीं लगा सकते हैं, कुल मिलाकर नीतीश से नजदीकी और मोदी से दूरी की फार्मूले पर राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम जदयू के दामन थामने की चर्चा है. अब देखना है ऐसे में कटिहार और सीमांचल के इलाके में अल्पसंख्यक समाज एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी को कितना वोट करता है.

कटिहार और सीमांचल के बड़े अल्पसंख्यक नेताओं में शामिल अशफाक करीम आरजेडी के टिकट पर 2018 में राज्यसभा सांसद चुने गये थे. अशफाक करीम कटिहार से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे और इसको लेकर उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी थी, लेकिन महागठबंधन में सीट बंटवारे के बाद ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गयी. कांग्रेस ने कटिहार से तारिक अनवर को अपना कैंडिडेट बनाया है. इसके बाद करीम ने राजद से अपना पल्ला झाड़ लिया.

रिपोर्ट - श्याम सिंह

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