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औरंगाबाद के देव नगरी सहित कई जगहों पर छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य, विधि व्यवस्था को लेकर मुस्तैद रहा जिला प्रशासन

औरंगाबाद के देव नगरी सहित कई जगहों पर छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य, विधि व्यवस्था को लेकर मुस्तैद रहा जिला प्रशासन

AURANGABAD : औरंगाबाद के भगवान भास्कर की नगरी देव में स्थित त्रेता युगीन कुष्ठ निवारण तालाब में आज देश के कोने कोने से आए तकरीबन सात लाख से ऊपर  श्रद्धालुओं ने डूबते हुए सूर्य को अपना अर्घ्य अर्पित किया। जबकी अभी भी छठ व्रतियों का आना जारी है। जब इस बिंदु पर व्रतियों से बात किया गया तो उन्होंने बताया की छठ पर्व हिंदू धर्म में सभी व्रतो में श्रेष्ठ माना जाता है। बड़ी ही शुद्धता के साथ इस व्रत को किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया की हमने जो मन्नत मांगा था। भगवान भास्कर हमारी मन्नत को पूरा किया है। इसलिए मैं छठ व्रत कर कर पहली बार यहां आया हूं और हमें बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा है।

नालंदा में सूर्योपासना का चार दिवसीय चैती छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार की शाम में व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। भगवान सूर्यदेव को जल अर्पण करने नालंदा सभी घाटों पर श्रद्धा का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सबसे ज्यादा द्वापरकालीन बड़गांव और औंगारी धाम में अपार भीड़ दिखी। यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अनुष्ठान करने नहाय-खाय के दिन से ही पहुंचे हुए हैं। साक्षात देव सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालुओं ने घर व समाज की खुशहाली का आशीर्वाद मांगा। सोमवार की अहले सुबह उदीयमान (उगते) सूर्य को अर्घ्य देने बाद चार दिवसीय अनुष्ठान का पारण किया जाएगा। इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास भी खत्म हो जाएगा। डीएम और एसपी ने घूम घूम कर विधि व्यवस्था और तैयारी का जायजा लिया। बडगांव की मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के पौत्र राजा शाम्य को कुष्ठ रोग हो गया था। उन्होंने इसी बड़गांव तालाब में स्नान कर भगवान सूर्य की आराधना किए थे। जिससे वो कुष्ट रोग से मुक्त हो गए थे।  तब से अब तक बिहार ही नहीं झारखंड , बंगाल, उड़ीसा, दिल्ली यूपी समेत अन्य जगहों से लोग यहां 4 दिनों तक प्रवास कर पूजा अर्चना करते हैं। छठ पर्व को लेकर जिला प्रशासन द्वारा भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ की टीम और वोट की व्यवस्था की गई है। दूर दराज से आने वाले व्रतियों की सुविधा के लिए पंडाल की व्यवस्था की गई है। जहां लोग आराम से रह सकते हैं। सीसीटीवी से इलाके में विशेष नजर बनाई जा रही है।

पटना जिले के पालीगंज अनुमण्डल क्षेत्र के उल्लारधाम स्थित द्वापरयुगीय उल्लार सूर्य मन्दिर मे भी हर साल की तरह चैती छठ पूजा के लिए लाखों श्रद्धालु भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है। बताते चले की लोक आस्था का महान प्राकृतिक महापर्व छठपूजा का मुख्य बारह अर्क स्थलीयो में से एक द्वापर कालीन भगवान श्रीकृष्ण के जामवंती पुत्र राजा शम्ब द्वारा स्थापित किए गए विश्व प्रसिद्ध उल्लार धाम स्थित उलार्क सूर्य मन्दिर परिसर में स्थित ऐतिहासिक तालाब मे आज अस्तचलगामी( डूबते)सूर्य की लाखो छठ वर्तियो ने अर्घ्य देकर भगवान भास्कर की पूजा अर्चना करते हुए उनकी अराधना किया। ऐतिहासिक तालाब मे अर्घ्य देने के बाद छठ व्रतियों ने भगवान भास्कर की गर्भ गृह मे जलाभिषेक करते हुए अपने परिवार की सुख समृद्धि और अपने सभी मनोवांक्षित मनोकामनाए पूर्ण करने की आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर पालीगंज अनुमंडल प्रशासन ने छठ पूजा में जुटे लाखों छठ व्रतियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई तरह की व्यवस्थाएं स्थापित किया गया है। जिसमें छठव्रतियों के लिए स्नान के लिए के बाद चेंजिंग रूम ,किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए ऐतिहासिक तालाब में वोटिंग की व्यवस्था के साथ एसडीआरएफ की टीम तैनात ,किसी भी आपात  स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य चिकित्सा केंद्र, छठवतियों के लिए सहायता केंद्र की स्थापना की गया है। इस मौके पर पालीगंज एसडीएम अमनप्रीत सिंह ,डीएसपी प्रीतम कुमार के साथ-साथ बड़े पैमाने पर दंडाधिकारी एवं पुलिस कर्मियों की तैनाती किया गया है। वहीं दूसरी तरफ पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के स्थानीय सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने आज शाम उलार धाम पहुंचकर छठ पूजा की करने जुटे छठ व्रतियों एवम् श्रद्धालुओं से मिलकर उनसे आशीर्वाद लेते हुए प्रदेश वासियो के लिए सुख समृद्धि की मङ्गल कामनाए किया। 

वहीँ भागलपुर में लोक आस्था के महापर्व चैती छठ पर्व का आज तीसरा दिन है। आज श्रद्धालुओं ने चैती छठ पर्व के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। आज व्रत करने वाले सभी व्रती एवं श्रद्धालु सूर्य  ढलने से पहले  गंगा घाट पर पहुंचकर सूर्य भगवान की आराधना की और उन्हें अर्घ्य दिया। कुछ लोगों ने अपने घरों पर ही छठ पर्व मनाया। वहीं कुछ लोगों ने तालाब में जाकर भी इस पर्व को श्रद्धापूर्वक मनाया। कल उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस चैती छठ पर्व का समापन होगा। छठ व्रती महिलाएं कल अपना पारण कर इस पर्व को समाप्त करेंगी।

उधर कटिहार की तमाम चैती छठ व्रतियों ने पूरे श्रद्धा भाव से डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। मनिहारी गंगा घाट में अर्घ्यदान करने वाले श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही। पूरे घाट पर मेले जैसा नजारा देखने को मिला। चार दिनों तक चलने वाला चैती छठ का आज तीसरा दिन है। मनिहरी के कई घाटों में श्रद्धालु भक्ति-भाव से इसे मना रहे हैं। मुख्य पार्षद राजेश कुमार बताते हैं कि लोकसभा चुनाव की वजह से यूं तो पूरे देश में लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा है। लेकिन बिहार में आस्था के महापर्व चैती छठ की धूम है।

औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर, कटिहार से श्याम, नालंदा से राज और भागलपुर से बालमुकुन्द की रिपोर्ट  

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