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गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से डॉ. अभिराम सिंह और भाजपा समर्थित अवधेश नारायण सिंह ने दाखिल किया पर्चा, समर्थकों की उमड़ी भीड़

गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से डॉ. अभिराम सिंह और भाजपा समर्थित अवधेश नारायण सिंह ने दाखिल किया पर्चा, समर्थकों की उमड़ी भीड़

GAYA : गया शिक्षक निर्वाचन भाग दो से प्रत्याशी के रूप में शुक्रवार को पीपी एजुकेशनल ग्रुप, जहानाबाद के चेयरमैन व शिक्षाविद डॉ. अभिराम सिंह ने  गया स्थित मगध के कमिश्नर के कार्यालय में अपनी नामजदगी का पर्चा दाखिल किया। डॉ. सिंह ने दो सेट में नामांकन किया। हर सेट के लिए दस प्रस्तावक थे। डॉ. सिंह करीब साढ़े ग्यारह बजे कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। जहाँ कागजातों की जांच आदि के बाद उनके नामांकन पत्र लिए गए। इसके पूर्व डॉ. सिंह सुबह जहानाबाद के एरोड्रम प्रतिभा नगर आवास पर सुबह पूजा-पाठ कर नौ बजे गया के प्रस्थान किये। उनके साथ  निर्वाचन क्षेत्र के सभी आठों जिले- जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, बक्सर, आरा और अरवल से दर्जनों गाड़ियों पर उनके समर्थक और शुभचिंतक भी गया पहुंचे। नामांकन के बाद डॉ. सिंह जैसे ही कमिश्नर कार्यालय कैम्पस से बाहर निकले, उनके समर्थकों ने उन्हें फूल-माला से लाद दिया। बाद में मीडिया से बातचीत के दौरान डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य में शिक्षा बदहाल हो गयी है। बदहाली लोगों को कचोट रही है। हर व्यक्ति चाह रहा है कि यह बदहाली दूर हो और बिहार अपने पहले वाले गौरव को प्राप्त कर सके। शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं। उनके कंधे पर देश के भविष्य को गढ़ने की जिम्मेवारी है, लेकिन इतने महत्वपूर्ण कार्य को करने वाले शिक्षकों की सुध राज्य सरकार नहीं ले रही है। उनसे बच्चों के पठन-पाठन से ज्यादा गैर शैक्षणिक कार्य लिए जा रहे हैं, जिसे किसी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता।

डॉ. अभिराम सिंह ने कहा कि प्रदेश में अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए यह जरूरी है कि सरकार विषयवार शिक्षकों की बहाली करे। अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षकों के अधिसंख्य पद रिक्त हैं। विश्वविद्यालय में भी शिक्षकों के अधिकांश पद रिक्त हैं। आबादी के अनुरूप छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन शिक्षण संस्थानों में पद नहीं बढ़ाये जा रहे हैं। आश्चर्य तो यह कि जो सृजित पद हैं, वे भी खाली हैं। उच्च शिक्षण संस्थान केवल बच्चों के रजिस्ट्रेशन करने, फॉर्म भरने और परीक्षा लेने के केंद्र बन गए हैं। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बहुत ही बुरे दौर से गुजर रही है, जिसकी तरफ न तो सरकार का ध्यान जा रहा है और ना ही शिक्षकों के वोट से जीतकर विधान परिषद में जाने वाले विधान पार्षद का। इस हालात को बदलने की जरूरत है। उन्होंने मीडिया से यह भी कहा कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का घोर अभाव है। छात्र-छात्राएं दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। बिहार में सरकारी शिक्षण संस्थानों में अतिथि शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है।  शिक्षकों के वोट से विधान परिषद में जाने वाले एमएलसी कभी भी शिक्षकों की आवाज बनकर इन  समस्याओं का निदान निकालने के लिए गंभीर नहीं हैं।

डॉ. सिंह ने आगे कहा कि सरकार को चाहिए कि राज्य में गिरती जा रही शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सबसे पहले विषयवार शिक्षकों के पद सृजित करे और शिक्षकों से केवल शिक्षण कार्य कराए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अक्सर  आंदोलनरत रहते हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं को दूर नहीं कर रही। वर्षों से समस्याएं लटका कर रखी जा रही हैं। शिक्षकों के वेतन भुगतान का मामला हो या फिर एरियर भुगतान का, वेतन निर्धारण में गड़बड़ी को दूर करने की बात हो या उनके तबादले की, किसी भी समस्या के निदान के प्रति न तो राज्य सरकार गंभीर है और ना ही शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाले एमएलसी।

यह भी कहा कि जब तक माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में विषयवार शिक्षकों, व्याख्याताओं की कमी दूर नहीं की जाएगी तब तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करना लफ्फाजी के सिवा और कुछ नहीं। राज्य सरकार शिक्षकों को नियोजित, अतिथि शिक्षक, वित्त रहित शिक्षक आदि कोटियों में बांटना बंद करे। यह स्थिति शिक्षक समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। अलग- अलग मानदेय निर्धारित किया जाना भी न्याय संगत नहीं है। एरियर भुगतान का मामला, वेतन निर्धारन में गड़बड़ी आदि को प्राथमिकता के आधार पर तुरंत दूर किये जाने की जरूरत है। अभिराम सिंह ने कहा कि जब सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षण संस्थान में पठन-पठान की व्यवस्था समान है तो फिर शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन का प्रावधान क्यों नहीं हो सकता ? उन्होंने कहा कि अगर शिक्षकों ने उनपर भरोसा किया तो वे उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए सदन में पूरी ताकत लगा देंगे।

वहीँ शहर के मगध प्रमंडल आयुक्त कार्यालय में भाजपा समर्थित पूर्व विधान परिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह गया स्नातक क्षेत्र से नामांकन पर्चा दाखिल किया है। नामांकन पर्चा दाखिल करने के बाद बाहर निकलते ही अवधेश नारायण सिंह को समर्थकों ने ढोल नगाड़े के साथ भव्य स्वागत किया। इस दौरान बिहार विधान सभा के प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा, औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह शामिल हुए। इस दौरान गया शहर के आईएमए भवन में एक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में शिक्षकों ने अपना समर्थन दिया है। इस दौरान भाजपा समर्थित पूर्व विधान परिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह ने आभार प्रकट किया एवं अपना संक्षिप्त संबोधन द्वारा कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्द्धन किया। इस मौके पर भाजपा समर्थित पूर्व विधान परिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि जो देश का मुद्दा है, वही यहां भी मुद्दा है।

यह बुद्धिजीवियों का चुनाव है इसलिए इसका संदेश बहुत बड़ा जाता है। हमें चुनाव जीतने में कोई कठिनाई नहीं है यहां पर भीड़ देखने से ही हमें उत्साह लग रहा है कि आज ही जीत का सर्टिफिकेट मिल जाएगा। सभा में पहले से ही काफी संख्या में 02, गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के आठो जिले (आरा, कैमुर, जहानाबाद, औरगांबाद, सासाराम, भोजपुर, गया एवं अरवल) के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। उक्त अवसर पर बिहार विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा, पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता नंदकिशोर यादव उपस्थित रहेंगे।

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट 

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