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न्यू मीडिया की परिभाषा बदल गयी है, लोगों के पढने की आदत हो गयी है कम

न्यू मीडिया की परिभाषा बदल गयी है, लोगों के पढने की आदत हो गयी है कम

 जीटीआरआई की दो दिनों तक चले कार्यशाला का हुआ समापन

पटना। दो दिनों तक चली जीटीआरआई (ग्रैंड ट्रैंक रोड इनेसिएटिव) की कार्यशाला का समापन हो गया। अंतिम दिन के सत्र का विषय आधुनिक जगत में मीडिया की भूमिका था। इसमें मीडिया जगत में मनोरंजन सामग्रियों की रणनीतिकार प्रियंका सिन्हा झा ने कहा कि इन दिनों मीडिया का स्वरूप काफी बदल गया है। मोबाइल और अन्य माध्यमों की अत्याधिक दखलंदाजी के कारण एक नयी मीडिया का उदय हुआ है। इसने मीडिया की परिभाषा बदल दी है। इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं। इससे लोगों के पढने की आदत कम हो गयी है। आज के श्रोताओं पर यह निर्भर करता है कि वे क्या देखे। मीडिया के लिए कंटेंट बड़ी बात नहीं है। भरपूर मात्रा में तरह-तरह के कंटेंट आज मौजूद हैं। दर्शकों के सामने भी यह चुनौती है कि वे क्या देखें।

 पेंग्विन इंडिया की प्रमुख मिली ऐश्वर्या ने आज की मौजूदा मीडिया के बदलते स्वरूप पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि किताबों की दुनिया एकदम अलग हैं। आज भी इनकी प्रासंगिकता है, लेकिन चुनौतियां भी काफी हैं। किताबों का स्वरूप बदल कर डीजिटल रूप में आता जा रहा है। फिर भी फिजिकल किताबों की अपनी अलग प्रासंगिकता है। बिहार बौद्धिक रूप से समृद्ध शहर है।

एक्सट्रीम रोड की ट्रैवेल ब्लॉग की संस्थापक वैशाली सेता ने कहा कि आज की मीडिया को देखें, तो इसकी सामाग्री में काफी बदलाव आया है। शोर-शराबा काफी है या कहे अनेकों तरह के कंटेंट बिखरे पड़े हुए हैं। ऐसे में जरूरत की या उपयोगी कंटेंट को खोजना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है। आज की नयी मीडिया के लिए यह भी एक बड़ा चैलेंज है। मीडिया की भूमिका इमेज बनाने में बेहद अहम है। चाहे वे बिहारीपन से जुड़ी छवि की बात हो या किसी भी मौके पर किसी अन्य की छवि। किसी मसले पर अवधारणा तैयार करने में भी मीडिया की भूमिका बेहद अहम है।

विशेषज्ञों ने कई मुद्दों पर मंथन किया। इनका मानना था कि बिहार की ब्रांडिंग सही से नहीं हो पायी है। सारी देश-दुनिया में बिहारी फैले हुए हैं, लेकिन बिहार की छवि अभी भी ग्लोबल स्तर पर व्यापक रूप से कई मामलों में साकारात्मक स्तर से नहीं बदली है। पहले से परिस्थितियां काफी बेहतर हुई हैं, लेकिन अभी काफी प्रयास करने की आवश्यकता है। बिहार की ग्लोबल स्तर पर ब्रांडिंग करने की जरूरत है। कार्यक्रम के संरक्षक अदिति नंदन ने सभी के प्रति आभार जताया। धन्यवाद ज्ञापन प्रतियुष गौरव ने किया। संचालन शैलेश कुमार ने किया।

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