PATNA : राजस्थान के पत्रकार दुर्ग सिंह राजपुरोहित को पटना के बेऊर जेल से शनिवार को रिहा कर दिया गया। वो 21 अगस्त से जेल में बंद थे। एससी-एसटी एक्ट में आरोपी बनाकर उन्हें जेल भेज दिया गया था। गौरतलब एससी-एसटी अधिनियम के तहत बेउर जेल में बंद बाड़मेर के पत्रकार दुर्गेश सिंह उर्फ दुर्ग सिंह को पटना सिविल कोर्ट की विशेष अदालत ने शुक्रवार को जमानत दे दी थी। एससी-एसटी अधिनियम के विशेष प्रभारी न्यायाधीश मनोज सिन्हा ने दुर्ग सिंह की ओर से दाखिल की गई नियमित जमानत पर सुनवाई के बाद उन्हें पांच हजार रुपए के निजी मुचलके के साथ इतनी की राशि के दो जमानतदारों का बंधपत्र दाखिल करने पर जेल से मुक्त करने का आदेश दिया था।
बाड़मेर के पत्रकार दुर्ग सिंह राजपुरोहित के खिलाफ पटना में एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा और गिरफ्तारी के मामले को लेकर कई तरह के सवाल उठने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। नीतीश कुमार ने पटना जोन के आईजी नैय्यर हसनैन खान को पूरे मामले की तह तक जाकर रिपोर्ट देने को कहा है।
क्या था मामला
अदालती दस्तावेज के मुताबिक राकेश पासवान ने 31 मई को दुर्गेश सिंह (दस्तावेज में दर्ज नाम) के खिलाफ मुकदमा दायर किया। एफआईआर में राकेश ने कहा है कि वह बाड़मेर में वह दुर्गेश के यहां पत्थर तोड़ने का काम करता था और उसे जातिसूचक शब्दों से संबोधित कर प्रताड़ित किया गया। जब वह बिहार भाग कर पटना आ गया। दुर्गेश सिंह 15 मई को पटना आया और उस पर वापस चलने का दबाव बनाने लगा लेकिन वह नहीं माना। इसके बाद सात मई को दुर्गेश सिंह कुछ लोगों के साथ बोलेरो गाड़ी में आए और पटना में ही उसके साथ मारपीट की।