मुंगेर में विसर्जन के दो दिन पहले माता के अखाड़ा में माता के समक्ष शस्त्र प्रदर्शन किया .साथ ही उन शस्त्रों से कई तरह के करतब भी माता के समक्ष प्रस्तुत किया . दरअसल विसर्जन के दौरान मुंगेर बड़ी देवी के शोभा यात्रा में आखाड़ा का अपना महत्व है . विसर्जन रूट में माता के आगे आगे अखाड़ा के द्वार तरह तरह के करतब दिखाए जाते है . जिसे देख लोग भी दंग रह जाते है . उसी करतब का पूर्व अभ्यास के तौर पर बजरंग आखाड़ा के द्वारा माता के समक्ष कई करतब किए गए . जिसे देख लोगों ने अपने दातों तले उंगलियां दबा ली.
बता दें शहर में बड़ी मां के प्रति भक्तों में इतनी अगाध श्रद्धा है कि श्रद्धालुओं के बीच मां को कंधा देने की होड़ लगी रहती है. जगह-जगह श्रद्धालुओं द्वारा मां की आरती उतारकर फूल अर्पित किए जाते हैं. इस कारण बड़ी मां को दो किलोमीटर की विसर्जन यात्रा करने में लगभग 20 घंटे से भी अधिक समय लग जाता है.
यहां का दुर्गा पूजा भी अन्य जगहों से खास है़. स्थनीय लोग पूर्व से उस जगह को शुद्ध जल से धोकर पूरे साज-सज्जा के साथ मां का स्वागत करते हैं. आरती उतारी जाती है फिर उसके बाद मां वहां से आगे की ओर बढ़ती हैं. विसर्जन के जिस रास्ते से मां की शोभायात्रा निकलती है, उस रास्ते को भी शुद्ध जल से साफ किया जाता है. गमगीन आंखों से मां को विदाई देते श्रद्धालु पुष्पों की वर्षा भी करते हैं. इस विसर्जन यात्रा में न सिर्फ मुंगेर जिले के बल्कि मुंगेर प्रमंडल के विभिन्न भागों से श्रद्धालु विसर्जन शोभा में भाग लेने आते हैं.