PATNA : कर्पूरी ठाकुर के जन्मशताब्दी के मौके पर केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है। इससे पहले मोदी सरकार ने 2019 में भूपेन हजारिका को देश का यह सबसे बड़ा नागरिक सम्मान दिया गया था। कर्पूरी ठाकुर और भूपेन हजारिका से पहले मोदी सरकार ने अपने दस साल के शासन में सिर्फ छह लोगों को इस सम्मान से नवाजा है।
2014 में सचिन तेंदुल्कर और सीएन आर राव को मिला सम्मान
2014 में मोदी सरकार ने अपने पहले ही साल में 2014 में प्रख्यात रसायनज्ञ सीएन आर राव और सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न से नवाजा था। सीएन आर राव एक प्रख्यात रसायनज्ञ हैं, जिन्होंने रसायन विज्ञान के क्षेत्र में अपना अहम योगदान दिया है। वहीं सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट में उनके योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया।
अटल बिहार वाजपेयी और मदन मोहन मालवीय को सम्मान
केंद्र सरकार ने 2015 में पंडित मदनमोहन मालवीय और अटल बिहारी बाजपेयी को भारत रत्न दिया था। पंडित मदन मोहन मालवीय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अखिल भारतीय हिंदू महासभा के संस्थापक थे। वह महामना के रूप में जाने जाते थे। अटल बिहारी बाजपेयी भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रहे थे। उन्हें 1994 में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से भी नवाजा गया था।
2019 में तीन लोगों को मिला भारत रत्न
केंद्र सरकार ने 2019 में तीन लोगों को भारत से नवाजा था। इनमें प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका शामिल थे। प्रणब मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति थे। पूर्व राष्ट्रपति का 2020 में COVID-19 के कारण निधन हो गया था। नानाजी देशमुख का असली नाम चंडिकादास अमृतराव देशमुख था। नानाजी देशमुख शिक्षा, ग्रामीण आत्मनिर्भरता और स्वास्थ्य में योगदान देने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने भारतीय जनसंघ के नेता के रूप में कार्य किया था। भूपेन हजारिका को सुधाकंठ (अमृत-कण्ठ) के रूप में पहचान मिली है।