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पटना में 5 नवम्बर को होगा भीम संसद का आयोजन, लोगों को आमंत्रित करने कैमूर के कई गांवों और पंचायतों में पहुंचे मंत्री अशोक चौधरी

पटना में 5 नवम्बर को होगा भीम संसद का आयोजन, लोगों को आमंत्रित करने कैमूर के कई गांवों और पंचायतों में पहुंचे मंत्री अशोक चौधरी

PATNA : आज बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, कैमूर जिला के रामगढ़ रविदास टोला, भगवानपुर, पिहरा पंचायत और गोबरछ में स्थानीय जनता को आगामी 5 नवंबर 2023 को होने वाली "भीम संसद" कार्यक्रम की सफलता के लिए अपील करने पहुंचे। वहां जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह कोई जरूरी नहीं है कि दलित ही दलित के कल्याण की बात करे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सबसे पहले छुआछूत पर प्रहार किया था। छुआछूत एक सामाजिक कुरीति है, वो कोई दलित नहीं थे। दलितों के हित की रक्षा करने वाला कोई व्यक्ति इस प्रदेश में लंबे समय के बाद आया है तो वो हमलोगों के नेता नीतीश कुमार हैं। उन्होंने इस प्रदेश में दलित बच्चों के पढने के लिए, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति छात्रावास का निर्माण करवाया, विद्यालयों का निर्माण करवाया और साथ-साथ जो लोग कभी प्रमुख और मुखिया बनने का सपने देखते थे। यहाँ तक की मुखिया और सरपंच के दरवाजे तक जाने से डरते थे। लेकिन नीतीश कुमार ने 2007 में पंचायती राज्य के चुनाव में आरक्षण देकर मुखिया सरपंच और जिला परिषद अध्यक्ष बनाने का काम किया। उसके साथ-साथ जो बड़ी आबादी लडकियों और महिलाओं की थी। उनको भी आरक्षित करने का काम किया और एक नई राजनीतिक पीढ़ी की शुरुआत की। 

अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मूलमंत्र दिया कि हम न्याय के साथ विकास करेंगे। न्याय के साथ विकास का मतलब - जो लम्बे समय से एक बड़ी आबादी हासिये पर पड़ी थी, जो आर्थिक, सामजिक और राजनितिक रूप से लम्बा संघर्ष कर रहे थे। इस प्रदेश में वो संघर्ष कर रहे थे। उस आजादी को पाने के लिए जिसकी घोषणा तो 70 वर्ष पहले हुई। लेकिन उन्हें वो समानता का अधिकार नहीं मिला।  वैसे लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए नीतीश कुमार ने इस प्रदेश में 2005 में आने के बाद न्याय के साथ विकास का मूलमंत्र दिया। बाबा साहेब कहते थे शिक्षित बनों, संगठित रहो संघर्ष करो। नीतीश कुमार ने बाबा साहेब और बापू के सपने को साकार करने के लिए सत्ता में आने के बाद इस प्रदेश में सर्वे कराया कि कितने बच्चे हमारे स्कूल के बाहर रहते हैं। हमारे सरकारी विद्यालयों में नहीं आते हैं। सर्वे के बाद पता चला कि तकरीबन 10% बच्चे ऐसे हैं जो स्कूल नहीं जाते हैं, और वो 10% बच्चे किसके हैं? वो 10% बच्चे दलितों, अतिपिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। मुख्यमंत्री ने बड़े स्तर पर महादलित, अतिपिछड़ों के टोले और अल्पसंख्यकों के मोहल्ले में विद्यालयों का निर्माण करवाया। इसके साथ ही 2.5 लाख अतिरिक्त कक्षों का निर्माण करवाया गया और इस प्रदेश में विकास मित्र, टोला सेवकों और तालीमी मरकज साथियों के सहयोग से बच्चों को स्कूल में लाने का काम किया।

चौधरी ने आगे कहा कि जो व्यक्ति हमारे लिए काम कर रहें है, हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए चिंतित है। हमारे विकास के लिए बजट का प्रावधान किया है। उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए इसके साथ ही साथ जो पार्टी आज केंद्र की सत्ता पर काबिज है। कभी न कभी संविधान और आरक्षण के उपर टीका टिप्पणी करता है। अगर वो पार्टी मजबूत होगा तो आने वाले समय में न सिर्फ संविधान को बदलने का काम करेगा। बल्कि आने वाले समय में जो हमें आरक्षण दिया गया है उसे कम या खत्म करने का प्रयास करेगा। 

उन्होंने कहा की ऐसे मंसूबों और इरादों को चकनाचूर करने के लिए 5 नवंबर 2023 को पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान आएं और अपने नेता नीतीश कुमार के मनोबल को बढ़ाने का काम करें और वैसी ताकत जो इस देश में आरक्षण और संविधान को बदलने या खत्म करने का प्रयास कर रही है। उसको मुहतोड़ जवाब देने का काम कीजिये। इस मौके पर चौधरी ने मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत भगवानपुर प्रखंड के गोबरछ गांव एवं भगवानपुर गांव में सम्पन्न हुई योजनाओं का स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर उद्घाटन भी किया। इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के मंत्री जमा खान, आलोक सिंह, रुबेल रविदास एवं मास्टर करीम सहित जदयू के नेतागण सहित अनेक गणमान्यजनों की उपस्थिति रही।

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