DESK: देश में बेकाबू होते कोरोना के बीच दवा पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं. इस बीच खबर भारत से है जहां आयुष मंत्रालय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय यानी BHU की कोरोना दवा को हरी झंडी दे दी है. जिसके बाद बीएचयू का आयुर्वेद विभाग कोरोना मरीजों पर दवा का ट्रायल शुरू करेगा.
आपको बता दें कि 22 मार्च को बीएचयू के आयुर्वेद संकाय ने आयुष मंत्रालय को एक पत्र लिखकर संभावित औषधियों के ट्रायल की अनुमति मांगी थी. जिसमें 24 मार्च को कोविड चेयरमैन को प्रस्ताव भेजा गया और 10 अप्रैल को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखा गया था. कोरोना दवा के ट्रायल की अनुमति 23 जून को दी गई. प्रो. त्रिपाठी के मुताबिक प्रोजेक्ट में मरीजों पर शिरीषादि कसाय (काढ़ा) का असर देखने संग मैकेनिज्म का अवलोकन होगा. तीन माह के प्रोजेक्ट के लिए दस लाख स्वीकृत हैं.
दवा में क्या क्या है
शिरीषादि कसाय में शिरीष संग वासा, मुलेठी, तेजपत्ता, कंडकारी आदि औषधीय पदार्थ शामिल हैं. मुलेठी कफ को बाहर निकलता है साथ ही यह बुद्धिवर्धक भी है. तेज पत्ता भूख बढ़ाता है और पेट साफ भी करता है. बता दें कि बीएचयू ने साल 1980 में सांस के रोग के लिए दवा खोजी थी.
बाबा रामदेव की दवा पर ग्रहण
योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी ने भी कोरोना दवा खोजने का दावा किया था. हालांकि बाबा रामदेव के दावे पर आयुष मंत्रालय ने ब्रेक लगाते हुए जांच होने तक दवा के प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी थी.