बिग ब्रेकिंगः पटना हाईकोर्ट से IPS 'आदित्य' की जमानत याचिका खारिज, EOU ने संगीन धाराओं में दर्ज किया था केस

PATNA: पटना हाईकोर्ट ने गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए कोई राहत नहीं दिया। जस्टिस अंजनी कुमार शरण ने अभियुक्त आदित्य कुमार के वरीय अधिवक्ता एसडी संजय को सुनने के बाद ये आदेश दिया। 

EOU ने संगीन धाराओं में दर्ज किया था केस

बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने आदित्य एवं अन्य अभियुक्तों के खिलाफ धोखाधड़ी,एवं अन्य अपराधों के आरोप में मामला दर्ज किया था। याचिकाकर्ता पर आरोप लगाया गया है कि एक षड्यंत्र के तहत उसके दोस्त ने खुद को पटना हाइकोर्ट का चीफ जस्टिस  बता कर राज्य के पुलिस प्रमुख को फोन किया और उनसे आदित्य के खिलाफ दर्ज मामलों को बंद करने के लिए कहा था।  हाई कोर्ट ने अपने आदेश में दो न्यायिक अधिकारियों की भी कथित संलिप्तता पाई। इस पूरे मामले को एसीजे जस्टिस सी एस सिंह  के समक्ष रखने का आदेश दिया है ।कोर्ट ने  अपने आदेश में कहा है कि अदालत के लिए इन दो न्यायिक अधिकारियों के आचरण को गंभीरता से लेने की जरूरत है. न्यायपालिका से सरकार, नागरिकों या इच्छुक समूहों की अन्य शाखाओं द्वारा लगाए गए दबावों से अप्रभावित रहने की उम्मीद है।

फर्जी चीफ जस्टिस बनाकर डीजीपी को कराया था फोन

बता दें, पटना हाई कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस संजय करोल के नाम पर तत्कालीन DGP संजीव कुमार सिंघल को कॉल करने और फर्जीवाड़ा कर गया के फतेहपुर थाना में दर्ज शराब कांड को खत्म कराने के मामले में 15 अक्टूबर को आर्थिक अपराध इकाई ने FIR दर्ज किया था। ठीक उसी दिन जैसे ही आदित्य कुमार को अपने ऊपर केस दर्ज होने का पता चला, उसके बाद ही मोबाइल बन्द कर वो फरार हो गए थे। तब से वे फरार चल रहे हैं.

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SVU ने भी दर्ज किया है डीए केस 

फरार आदित्य कुमार के ऊपर दूसरा शिकंजा स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने कसा है। इनके ऊपर इस एजेंसी ने 5 दिसंबर को ही 1.37 करोड़ का आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था। इसके बाद 7 दिसंबर को पटना, मेरठ और गाजियाबाद के ठिकानों पर SVU की टीम ने छापेमारी की थी। जिसमें कैश और 1.8 करोड़ की प्रॉपर्टी का पता चला था। इस मामले अभी SVU के टीम आगे की जांच और कार्रवाई करने में जुटी है.