बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षकों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल सूत्रों के हवाले जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार नियोजित शिक्षकों को बिना किसी शर्त के राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा. बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा जल्द मिलने वाला है। शिक्षा विभाग ने इसे लेकर नियमावली तैयार कर दी है। इसे नीतीश कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते होने वाली राज्य कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी मिल सकती है। छठ महापर्व के बाद नीतीश सरकार राज्यकर्मियों को राहत दे सकती है। नीतीश कैबिनेट की अगली बैठक 22 नवंबर को बुलाई गई है। इंटर्नल कमिटी की रिपोर्ट पर ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. शिक्षा विभाग ने विधिक परामर्श लेकर ड्राफ्ट बना लिया है. अब सिर्फ कैबिनेट के मुहर लगने का इंतजार है. बताया जा रहा है कि अगली कैबिनेट की बैठक में 4 लाख नियोजित शिक्षकों से जुड़े इस बड़े फैसले पर मुहर भी लग जाएगी.
सूत्रों के हवाला से कहा जा रहा है कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिलाने के लिए सरकार की ओर से ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसके मुताबिक एक सक्षमता परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसमें पास होने वाले नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाएगा। उन्हें बीपीएससी की शिक्षक बहाली परीक्षा नहीं देनी होगी। वहीं, बीपीएससी परीक्षा से हाल ही में चयनित हुए नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी।
नीतीश कैबिनेट से आगामी बुधवार को इस ड्राफ्ट पर मंजूरी मिल सकती है। कैबिनेट से मुहर लगने के बाद नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इसके बाद नई नियमावली लागू हो जाएगी। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग दिसंबर में नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन कर सकता है। इसका रिजल्ट भी कुछ दिनों के अंदर ही जारी कर दिया जाएगा। इसमें सफल होने वाले नियोजित टीचरों को बीपीएससी से चयनित शिक्षकों के समकक्ष ही वेतन एवं प्रोन्नति का लाभ मिलेगा।
बता दें कि बिहार में करीब 4 लाख नियोजित शिक्षक हैं। पूर्व में नीतीश सरकार ने नियमावली में बदलाव करते हुए उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए बीपीएससी परीक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद शिक्षक संघ ने आंदोलन छेड़ दिया। सरकार ने अपने फैसले पर पुनर्विचार किया और अब नई व्यवस्था लागू किए जाने पर मंथन किया है।