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बड़ी खबर : राज्य में 110.39 करोड़ का बिजली घोटाला, अफसरों के खिलाफ एसीबी जांच की अनुशंसा

बड़ी खबर : राज्य में 110.39 करोड़ का बिजली घोटाला, अफसरों के खिलाफ एसीबी जांच की अनुशंसा

News4nation desk : बिजली विभाग में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। झारखंड के तीन जिलों दुमका, देवघर और पाकुड़ में 110.39 करोड़ के वित्तीय अनियमितता पकड़ी गई है। 

बताया जा रहा है कि ग्रिड सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन निर्माण में विभाग के अधिकारियों ने काम कर रही एजेंसी मेसर्स रामजी पावर कंस्ट्रक्शन को गैर कानूनी तरीके से लाभ पहुंचाया है। मामला सामने आने के बाद ऊर्जा संचरण निगम ने अपने अफसरों के खिलाफ एसीबी से केस दर्ज करते हुए पूरे मामले की जांच की अनुशंसा की है। 

निगम की अंदरुनी जांच में पकड़ी गई अनियमितताएं
 घोटाला सामने के बाद झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के वित्त प्रकोष्ठ और महालेखाकार कार्यालय ने ऑडिट किया। प्रथम दृष्टया वित्तीय हानि की बात सही पाई गई। इसके बाद ऊर्जा विकास निगम के सीएमडी ने विधिक कार्रवाई का निर्देश दिया। सीएमडी कहा कि इस मामले में किस-किस स्तर पर अनियमितताएं की गईं और कौन पदाधिकारी संलिप्त हैं, उन्हें चिन्हित किया जाए। 17 अप्रैल 2019 को बनी जांच समिति ने भी अनियमितताएं पकड़ीं।

निगम ने कहा है कि राज्य विद्युत बोर्ड ने 17 मई 2015 को मेसर्स रामजी पावर कंस्ट्रक्शन को 132/33 केवी ग्रिड सबस्टेशन दुमका, 132 केवी डबल सर्किट दुमका-देवघर और 132 केवी डबल सर्किट दुमका-पाकुड़ ट्रांसमिशन लाइन निर्माण के लिए काम सौंपा गया। अंदरुनी जांच में पाया गया है कि प्राइज वैरिएशन मद में 33.90 करोड़, आरबिट्रेशन अवार्ड मद में 11 करोड़ व परियोजना समय पर पूरा नहीं होने 66.30 करोड़ की आर्थिक क्षति हुई।
 
 

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