पटना हाईकोर्ट ने हत्या कर लाश को गायब करने के मामले में अभियुक्त बनाए गए भोजपुर जिला के अगियांव विधानसभा क्षेत्र से भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी माले के विधायक मनोज मंजिल को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने हत्या कर लाश को गायब करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे मनोज मंजिल को जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया।जस्टिस आशुतोष कुमार ने मनोज मंजिल समेत एक अन्य की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
कोर्ट में इस मामले को 28 मार्च,2024 को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए निचली अदालत से रिकॉर्ड मांगा था।ये मामला भोजपुर जिला के अजीमाबाद थाना से जुड़ा हुआ है।माले विधायक पर यह आरोप है कि उन्होंने एक सभा से लौट रहे सूचक के पिता जय प्रकाश सिंह अपने आदमियों के साथ मिलकर बुरी तरह से मारपीट कर हत्या कर दिया।साथ ही उनके लाश को गायब कर दिया।
इस मामले में भोजपुर आरा के एमपी / एमएलए कोर्ट ने माले विधायक मनोज मंजिल समेत अन्य को दोषी पाते हुए हत्या और अपहरण के मामले में आजीवन कारावासऔर दस हजार रुपए के अर्थदंड का सजा सुनाया था।इसी सजा को माले विधायक ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी थी। विधायक की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट को बताया की अपीलार्थी को इस मामले में राजनीतिक दुर्भावना के चलते फंसाया गया है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि घटना के तीन दिन के बाद इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
जिस लाश की बरामदगी घटना के दस दिन बाद नदी के किनारे से बरामद की गई है वह लाश सूचक के पिता की नही है।किसी अन्य की है ।बरामद लाश के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बताया गया है कि नदी में डूबने से मृत्यु हुई है,जबकि प्राथमिकी में यह आरोप है की विधायक अपने समर्थकों के साथ