बिहार फिर हुआ निराश, गणतंत्र दिवस परेड में 9 वें साल भी नहीं शमिल हुई बिहार की झांकी, देश ने नहीं देखा सीएम नीतीश की योजना

बिहार फिर हुआ निराश, गणतंत्र दिवस परेड में 9 वें साल भी नहीं

पटना.  गणतंत्र दिवस परेड में एक बार फिर बिहार की झांकी नहीं दिखी. यह लगातार 9वां साल है जब बिहार की झांकी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर नहीं दिखी. दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर निकाले जाने वाली झांकियों में इस बार बिहार की गंगाजल योजना को दिखाने की कोशिश थी. सीएम नीतीश की महत्वाकांक्षी योजना को देश के सामने दिखाने के लिए प्रस्ताव दिया गया था लेकिन बिहार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.  बिहार में राजगीर, गया, बोधगया और नवादा के लोगों को गंगाजल की आपूर्ति करने के लिए पटना के मोकामा से पाइप से पानी की आपूर्ति की गई जा रही है.जल संरक्षण एवं प्रबंधन को बेहतर बनाने और इसे राष्ट्रीय स्तर पर दिखाने के लिए बिहार ने गणतंत्र दिवस पर अपनी झांकी में इसे शामिल करने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि बिहार का प्रस्ताव ख़ारिज कर दिया गया. 

75वें गणतंत्र दिवस पर शुक्रवार को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर दुनिया भारत की शक्ति को देखी. 90 मिनट के कार्यक्रम में 30 झांकियां निकाली गई, जो विकसित भारत और भारत-लोकतंत्र की जननी थीम पर आधारित रहा.  रक्षा मंत्रालय यह तय करती है कि किस राज्य और किस विभाग की झांकी परेड में शामिल होगी. एक्सपर्ट कमिटी का गठन होता है जो विभिन्न राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों से प्राप्त झांकियों के प्रस्ताव को देखती हैं. विषय, डिजाइन और उसके विजुअल इंपैक्ट के आधार पर जांच की जाती है. 

इस बार चयनित राज्यों में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, ओडिशा, मणिपुर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गोवा, मेघालय, लद्दाख, कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़, असम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश शामिल रही. इसके अलावा केंद्र सरकार के कई मंत्रालय भी इस परेड में शामिल रहे. इसके साथ ही भारतीय थल, जल और वायु सेना समेत अर्धसैनिक बलों की कई टुकडियां इस परेड में देश की ताकत को दिखाई गई. वहीं बिहार के लिए फिर से निराशा हाथ लगी. वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से मात्र एक बार बिहार की झांकी शामिल की गई.