पटना। (Bihar Eduaction) : एक तरफ विधानसभा में बिहार के शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए हर दिन विधानसभा में बहस रही है, दूसरी तरफ बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बुरी खबर भी सामने आई है। कुछ दिन पहले ही विधानसभा में शिक्षा मंत्री ने यह बात कही थी कि बिहार के विश्वविद्यालयों में नैक से मान्यता दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब इस बात को लेकर एक नई बात सामने आई है, जिसके अनुसार बिहार में सिर्फ पटना यूनिवर्सिटी को छोड़कर सारे विवि की मान्यता जुलाई तक समाप्त हो जाएगी।
चार दिन पहले दो विश्वविद्यालय हुए सूची से बाहर
नैक में इस साल के आरंभ तक पांच यूनिवर्सिटी को ही नैक से मान्यता मिली हुई थी, जिनमें दो विश्वविद्यालयों की मान्यता 16 मार्च को खत्म हो गई है। इन दो विश्वविद्यालयों में पटना में संचालित चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय शामिल है। वहीं आगामी 24 मई को सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार और 10 जुलाई को भागलपुर से संचालित तिलकामांझी विश्वविद्यालय की मान्यता समाप्त हो जाएगी। सिर्फ पीयू इकलौता विवि होगा, जिसे बिहार में नैक से मान्यता मिली रहेगी। पीयू की मान्यता 8 अगस्त 2024 तक है।
कई विवि ने आवेदन तक नहीं किया है
बिहार में कई विश्वविद्यालय ऐसे हैं जिन्होंने अब तक मान्यता के लिए आवेदन करना भी जरुरी नहीं समझा है, इनमें आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय, नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय समेत राज्य के सभी विश्वविद्यालयों ने तो अब तक आवेदन भी नहीं किया है जिसका मुख्य कारण राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त संसाधन जरूरी चीजों की कमी को बताया गया है। वहीं पिछले कुछ सालों में जिन विद्यालयों की मान्यता समाप्त हुई है बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय शामिल है