पटना. बिहार में भादो की बारिश खत्म हो गई है लेकिन बाढ़ का खतरा और ज्यादा मंडराने लगा है. पटना में गंगा इस वर्ष के सबसे अधिकतम जलस्तर की ओर है. विकराल हुई गंगा का जलस्तर बुधवार को पटना में खतरे के निशान से एक फीट से ज्यादा ऊपर पहुंच गया. इससे दियारा और गंगा के निचले इलाके में कई गांव-गली पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. स्थिति है कि लोगों को अपने सामान और पशुओं के साथ सुरक्षित स्थान पर आसरा लेने को मजबूर हो रहा है. पिछले 48 घंटों के दौरान गंगा ने विकराल रूप धारण कर लिया है और तेजी से नए इलाकों को डुबाने लगी है.
जल संसाधन विभाग बिहार के अनुसार बुधवार सुबह 8 बजे गंगा नदी का जलस्तर पटना में सभी प्रमुख जगहों पर खतरे के निशान के पार हो चुका है. पटना के दीघाघाट में गंगा का जलस्तर 51.10 मीटर रिकॉर्ड किया गया जबकि खतरे का लेवल 50.45 मीटर है. वहीं गांधीघाट में खतरे का लेवल 48.60 मीटर है ओर यहां नदी का जलस्तर 49.85 मीटर पहुंच गया है जो खतरे के निशान से 1.25 मीटर ज्यादा है. वहीं पटना के पूर्वी छोर हथिदह में गंगा नदी के खतरे का जलस्तर 41.76 मीटर है जबकि बुधवार को नदी का लेवल 42.72 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो खतरे के स्तर से करीब 1 फीट ज्यादा है.
गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से दियारा इलाके में स्थित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर आने का निर्देश दिया गया है. साथ ही उफनती गंगा नदी में नाव परिचालन करने सहित नदी के किनारों से दूर रहने का निर्देश दिया गया है. वहीं जिन इलाकों में नदी का पानी रिहायशी क्षेत्रों तक पहुंच गया है वहां राहत एवं बचाव कार्य पर नजर रखी जा रही है. गंगा के बाढ़ के कारण कटाव वाले इलाके में भी खास एहतियात बरतने कहा गया है.
दरअसल, बिहार में गंगा के इलाकों में हाल के दिनों ज्यादा बारिश नहीं होने के बाद भी नदी के उफनाने का कारण अन्य जगहों पर हुई बारिश है. उत्तराखंड और यूपी में हुई भारी बारिश से गंगा में बड़े स्तर पर पानी आया है. वहीं सोन और पुनपुन नदियां भी पूरे चरम पर है. इससे गंगा में अचानक से जलस्तर में बदलाव आया है और नदी कई जगहों पर खतरे के निशान को पार कर चुकी है. विभाग के अनुसार अगले 48 घंटों तक गंगा के जलस्तर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.