पटना. बिहार में राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे जमीन सर्वे को फौरन टालने की मांग वरीय अधिवक्ताओं ने की है। अधिवक्ताओं का कहना था कि जिस तरह से फिलहाल जमीन सर्वे का कार्य किया जा रहा है, वो व्यवहारिक नहीं है। ये बातें पटना हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कृष्णा प्रसाद सिंह व वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कही। अधिवक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि वर्तमान सर्व की प्रक्रिया से कथित रूप से कर्मचारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की जा रही है, जिसमें पैसे का भी बोलबाला है।
उनका कहना था कि जमीन सर्व का काम जल्दबाजी में उठाया गया कदम है। पहले सरकार को चाहिए कि संबंधित कर्मचारियों के जरिए राजस्व रिकॉर्ड, जैसे खतियान, वंशावली व राजस्व रसीद आदि को दुरुस्त और अधतन किया जाए। बहनों को भी वाजिब हक मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सर्वे का काम तत्काल प्रभाव से नहीं टाला गया,तो जिस तरह से राज्य सरकार के कर्मियों की मिलीभगत से सर्वे के काम में गड़बड़ियां की जा रही है, आने वाले समय ने सिविल और आपराधिक मामलों का अंबार लग जायेगा।
उन्होंने कहा कि बेवजह लोग मुकदमेबाजी में फसेंगे। बहुत से लोग राज्य के बाहर रहते हैं, जिनकी अनुपस्थिति में उनके पटीदार नाजायज तरीके से जमीन में हेराफेरी करवा सकते हैं। इसलिए, उन्होंने सर्वे के कार्य की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि पहले राजस्व कागजातों से जुड़ी बुनियादी कार्यों का निपटारा कर लिया जाना चाहिए, तब ही प्रचार प्रसार करने के बाद जमीन सर्वे का काम राज्य में करवाना चाहिए। गौरतलब है कि बिहार में 20 अगस्त से जमीन सर्वे के काम शुरू हुआ है. हालांकि आम लोगों को जमीन सर्वे में कई प्रकार की परेशानियाँ आ रही हैं. इसे लेकर अब वरीय अधिवक्ताओं ने भी अपनी चिंताएं जाहिर की हैं और इसे टालने की मांग की है.