PATNA: बिहार में जमीन सर्वे का कार्य जारी है. इस दौरान रैयतों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जमीन के कागजात को लेकर भू-स्वामी सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहे. पैसे की वसूली की जा रही, फिर भी कागजात नहीं मिल रहे. इधऱ, सरकार भूमि सर्वे कराने की जिद पर अड़ी है. सरकार का मानना है कि भूमि विवाद कम करने के लिए यह सर्वेक्षण जरूरी है. भूमि सर्वे को स्थगित करने की भी मांग उठाई जा रही है. कहा जा रहा है कि इस भूमि सर्वे का हाल भी चकबंदी अभियान की तरह ही होगा. इन चर्चाओं के बीच बिहार में हो रहे भूमि सर्वे की प्रगति को लेकर मंत्री स्तर पर आज समीक्षा की जा रही है.
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने आज अधिकारियों की बैठक बुलाई है. बैठक में विभाग के तमाम बड़े अधिकारी मौजूद हैं. मंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों में पदस्थापित बंदोबस्त पदाधिकारियों और सर्वे काम में लगे अधिकारियों से इनपुट ले रहे हैं. समीक्षा के बाद सरकार आगे का निर्णय लेगी. निचले स्तर से जो इनपुट मिलेगा, जो समस्याएं सामने आयेगी, उस आधार पर सरकार अगला कदम उठायेगी. 18 सितंबर को बिहार के राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा था कि हमने रैयतों से सर्वे में हो रही परेशानी के बारे में जानकारी ली है. 16 तरह की समस्याएं हैं. उनके समाधान को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि वंशावली को कार्यपालक पदाधिकारी से सत्यापित कराने की कोई जरूरत नहीं है. खतियान सत्यापित कराने की जो चर्चा थी, उसे भी सरकार ने खारिज कर दिया है. खतियान के एटेस्टेड कराने की कोई जरूरत नहीं है.
16 तरह की है समस्या,,तीन दिनों में होगा समाधान
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने बुधवार को कहा था कि सर्वे चुनौती ही नहीं है महा चुनौती है. हमने इस महा चुनौती को स्वीकार किया है. यह सर्वे बिहार की जमीन का डिजिटल भविष्य तय करेगा. एक बार अगर सर्वे हो जाएगा तो भूमि से संबंधित विवाद खत्म हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि हमने अपने आईएएस अफसरों को गांव भेजा था. जनता से हमने गोपनीय तरह से जानकारी ली है. हमने पता लगाया है कि रैयतों को भूमि सर्वे से संबंधित किस तरह की समस्या है. हमने समस्याओं को कलेक्ट किया है. विभाग की नजर में 16 तरह की समस्या है. 3 दिन के बाद जनता की सारी समस्याओं को दूर करने जा रहे हैं.
आमलोगों को नहीं बल्कि भूमाफियाओं को है दिक्कत
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री ने आगे कहा कि बिहार की एक भी जनता को सर्वे को लेकर परेशानी नहीं होगी. हम यह रास्ता निकालने जा रहे हैं. लेकिन विपक्ष को इसमें भी दिक्कत है. जमीन सर्वे में अगर किसी को दिक्कत है वह है जमीन माफिया. जो दूसरों की जमीन को हड़प कर बैठा है. सरकारी जमीन को हड़प कर माफिया गिरी करता है, अपनी दुकानदारी चलाता है उसे ही परेशानी है. दूसरा दिक्कत है उनलोगों को है जो खास महाल की जमीन कब्जा किए हुए हैं. पटना में बड़े-बड़े लोग खास महाल की जमीन पर बिल्डिंग बनाये हुए हैं. बिहार में 50000 एकड़ से अधिक जमीन कब्जा किए हुए हैं, उन लोगों को दिक्कत है.
बता दें, खतियान जमीन से जुड़ा महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जिसके अंदर किसी भी व्यक्ति के नाम पर जो भी जमीन है, उसकी सारी जानकारी होती हैं. जैसे कि जमीन के मालिक का नाम, उसके पिता का नाम, मौजा का नाम, थाना नंबर, अंचल का नाम, जिला का नाम, राज्य का नाम, प्लॉट नंबर, जमीन की चौहद्दी, जमीन का दखल , जमाबंदी नंबर . जमीन मालिक को प्रमाणित करने के उद्देश्य से खतियान एक बहुत जरूरी दस्तावेज है.