PATNA: बिहार में सरकारी सिस्टम से लोग परेशान हैं।पीड़ित व्यक्ति हर जगह फरियाद लगाता है लेकिन कहीं कोई सुनने वाला नहीं. सुशासन राज में शिक्षा विभाग की हालत तो और भी खराब है।शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों के शोषण में लगे हैं।विरोध करने पर शिक्षकों को तरह-तरह के आरोप लगा सीधे बर्खास्त करने की कार्रवाई की जा रही । वहीं दोषी अधिकारियों के खिलाफ शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। शिक्षा विभाग के अधिकारियों से परेशान शिक्षक अब आत्मदाह पर उतारू हो गए हैं।पीड़ित बर्खास्त शिक्षक रजनीश कुमार ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को भी दे दी है।
औरंगाबाद का है मामला
मामला औरंगाबाद जिले से जुड़ा है।जहां के एक बर्खास्त शिक्षक रजनीश कुमार ने शिक्षा विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों से तंग आकर आत्मदाह का ऐलान कर दिया है। बर्खास्त शिक्षक रजनीश कुमार ने ऐलान किया है कि अगर 31 अक्टूबर तक अवैध बर्खास्तगी और डीपीओ रहे मिथिलेश कुमार के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के सामने जाकर आत्मदाह कर लूँगा।
पीड़ित बर्खास्त शिक्षक ने कहा कि शिक्षा विभाग के भ्रष्ट अधिकारी औरंगाबाद के तत्कालीन DPO मिथिलेश कुमार के भ्रष्टाचार के बारे में लगातार तथ्यात्मक सप्रमाण शिकायत दर्ज कराता रहा हूँ। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह रही कि मिथिलेश कुमार पर तो कोई कार्रवाई नहीं हुई,उल्टे मुझे और उनके भ्रष्टाचार के विरुद्ध लिखने के चलते कमलेश विकल को भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
तत्कालीन डीपीओ मिथिलेश कुमार पर गंभीर आरोप
तत्कालीन डीपीओ मिथिलेश कुमार द्वारा औरंगाबाद में अपने पदस्थापना के दौरान घूसखोरी कर अकूत अवैध संपत्ति अर्जित की गई है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, आर्थिक अपराध इकाई तथा विशेष निगरानी इकाई को लगातार बार-बार सप्रमाण सूचना भेजी गई है, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हमलोगों के अवैध निलंबन एवं बर्खास्तगी संबंधी RDDE मगध प्रमंडल के समक्ष अपील करने के लगभग 2 माह बीतने के बावजूद उस पर कोई सुनवाई नहीं की गई है। ऐसा लगता है कि व्यवस्था भ्रष्टाचारियों के पक्ष में काम कर रही है। इस तरह की व्यवस्था में जीने से अब मन उब गया है। इसलिए मैंने निर्णय लिया है कि अगर 31 अक्टूबर तक हमलोगों के अवैध बर्खास्तगी और मिथिलेश कुमार के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं होगी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के सामने जाकर आत्मदाह कर लूँगा।