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बिहार में सरकारी नौकरी की बहार : जानिए किन-किन विभागों में होने वाली हैं बंपर बहाली

बिहार में सरकारी नौकरी की बहार : जानिए किन-किन विभागों में होने वाली हैं बंपर बहाली

पटना...  बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सबसे अधिक रोजगार का ही मुद्दा छाया रहा। पक्ष हाे या विपक्ष दोनों ओर से नाैकरी और रोजगार देने के दावे किए गए। विपक्ष ने 10 लाख तो सत्ता पक्ष ने 19 लाख रोजगार तक की घोषणा कर दी। रोजगार के मुद्दे पर हुए चुनाव में सफलता एनडीए को लगी। अब वादे के मुताबिक नई सरकार विभागों में खाली पदों पर भर्ती करने के लिए सिलसिलेवार तरीके वैकेंसी निकाल रही है, ताकि युवाओं के हाथों को रोजगार मिल सके। 

असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आवेदन की तिथि बढ़ी

बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की तिथि 10 दिसंबर तक बढ़ा दी है। वहीं, आवेदन की हार्ड कॉपी को अब 30 दिसंबर शाम पांच बजे तक भेजा जा सकेगा। बुधवार तक करीब 48 हजार लोग आवेदन कर चुके थे। इस पद के लिए 21 सितंबर से ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे हैं। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि दो दिसंबर निर्धारित की गई थी। साथ ही ऑनलाइन आवेदन की हार्ड कॉपी दस्तावेजों के साथ आयोग को डाक के जरिए 24 दिसंबर तक भेजी जानी थी। लेकिन, विधानसभा चुनाव, दुर्गापूजा, दिवाली, और छठ पूजा को आधार बनाते हुए अभ्यर्थी आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इसके मद्देनजर आयोग के सचिव ने बुधवार को इस तिथि में विस्तार करने की घोषणा की।

पीएचईडी विभाग में निकलेंगे 784 पद


पीएचइडी में जनवरी, 2021 तक कुल 784 पदों पर संविदा पर नियुक्ति होगी। इनमें जूनियर इंजीनियर के 500 और असिस्टेंट इंजीनियर के 88 पद शामिल हैं। सके लिए पैनल तैयार कर लिया गया है और 500 जूनियर इंजीनियरों की मेरिट लिस्ट जल्द निकाली जाएगी। वहीं, 88 असिस्टेंट इंजीनियरों का पैनल तैयार करने के लिए स्क्रूटनी शुरू कर दी गई है। दूसरी ओर विभाग ने केमिस्ट के 33, असिस्टेंट केमिस्ट के 30 और लैब असिस्टेंट के 125 यानी कुल 196 पदों पर स्थायी नियुक्ति होनी है, लेकिन विभाग ने इसके पूर्व सामान्य प्रशासन से इन 196 पदों पर संविदा के रूप में नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने का प्रस्ताव भेजा है। विभाग को अनुमति मिलने के बाद संविदा पर इन पदों पर तत्काल नियुक्ति की प्रक्रिया को शुरू कर दी जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक इन स्थायी पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में देर होने के कारण राज्यभर में बने लैब में कर्मियों की कमी है। जिसका असर नल जल योजना के क्वालिटी पर पड़ सकता है। 

अंचलों में 2136 डाटा एंट्री ऑपरेटरों की होगी बहाली

राज्य में लोगों को मामूली फीस पर जमीन के दस्तावेज अंचल में ही उपलब्ध होंगे। जमीन का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने और डिजिटाइज्ड दस्तावेज मामूली शुल्क लेकर रैयतों की मुहैया कराने के लिए मॉर्डन रिकॉर्ड रूम बनाने की ' इ-धरती ' योजना जमीन पर उतरने जा रही है। राज्य में 534 अंचल हैं, जिनमें 436 अंचलों में दोमंजिली इमारत तैयार है। प्रत्येक एमआरआर पर चार डाटा इंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति के लिए फाइल कैबिनेट के पास भेज दी गई है। मंजूरी मिलते ही 2136 डाटा इंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य के सभी अंचलों में जल्द ही आधुनिक अभिलेखागार सह डाटा केंद्र (माॅडर्न रिकाॅर्ड रूम ) काम करना शुरू कर देगा। एमआरआर 2136 डाटा इंट्री ऑपरेटर का नियोजन बेल्ट्रॉन या अन्य एजेंसी के जरिये किया जाएगा।

मॉडर्न रिकाॅर्ड रूम का क्रियान्वयन कराने के लिए सभी जिलों में अपर समाहर्ता नोडल अधिकारी नियुक्त किए गये हैं। छह एमआरआर में फिनिशिंग का काम चल रहा है। 41 का काम अंतिम चरण में है। 23 अंचलों में टेंडर निकाला जा चुका है। 534 अंचलों में से 28 अंचल में जमीन की समस्या बनी है। अपर मुख्य सचिव ने इसे दूर करने का आदेश दिया है। प्रत्येक केंद्र आठ कंप्यूटर, आठ सॉफ्टवेयर, चार बहुपयोगी प्रिंटर, दो स्कैनर, टेबुल, कुर्सी, आलमीरा आदि संसाधन से लैस होंगे। सभी जगह सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी। 


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