Bihar News : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को सहरसा जिले को बड़ी सौगात दी. उन्होंने सहरसा में दिवारी स्थान स्थित प्राचीन माँ विषहरा भगवती मंदिर का उद्घाटन किया. इस दौरान बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा आदि मौजूद रहे. सहरसा जिला मुख्यालय से तकरीबन 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कहरा प्रखंड के दिवारी स्थान में मां विषहरा का मंदिर है.
पांच देवियों वाला मंदिर : सहरसा और आसपास के इलाके में मां विषहरि भगवती स्थान का ऐतिहासिक व पौराणिक महत्ता है. यहां एक साथ पांच देवियों की पूजा की जाती है. ये देवियां अलग-अलग नहीं, बल्कि पांच बहनें हैं. वहीं मंदिर को लेकर यह भी मान्यता है कि अगर किसी को कोई सर्प या बिच्छू डस लेता है, तो मैया को चढ़ाया गया नीर (जल) पिलाने से विष नहीं चढ़ता है. इस कारण बड़ी संख्या में ऐसे लोग यहां आते हैं. मंदिर में पांच देवियां पांच बहनों के रूप में विराजित हैं उन्हें दूतला देवी, मनसा देवी, मां भगवती, विषहरा और पांचवीं पायल देवी के नाम से जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि यह देश एकलौता ऐसा मंदिर है जहां देवी के पांच स्वरूप एक साथ विराजित हैं.
ब्राह्मण नहीं नाई पुजारी : मंदिर की परंपरा रही है कि यहां का पुजारी ब्राह्मण नहीं होते हैं. यहां नाई जाति के ही वंशज मंदिर के पुजारी के रूप में होते हैं. ऐसे में प्राचीन माँ विषहरा भगवती मंदिर में पीढ़ीगत रूप से एक ही जाति के पुजारी यहां पूजा कराते हैं. वहीं मंदिर में हर वर्ष बड़े स्तर पर मेला भी लगता है. इसमें हजारों लोग आते हैं और देवी के पांच रूपों कि आराधना करते हैं.
मंदिर का नायाब स्थापत्य : प्राचीन माँ विषहरा भगवती मंदिर का खास आकर्षण मंदिर का नायाब स्थापत्य है. शिखरबद्ध संरचना वाले इस मंदिर में एक एक से अधिक प्रवेश द्वार है जो इसे विशेष स्वरूप प्रदान करता है. मंदिर की बाहरी दीवारों और संरचनाओं पर कई देवी- देवियों के आकर्षक शिल्प उकेरे गए हैं. अमूमन मंदिरों के बाह्य स्वरूप में ऐसी कलाकृतियां दक्षिण भारत के मंदिरों में देखने को मिलती हैं. लेकिन सहरसा के इस मंदिर का नायाब स्थापत्य इसे नयनाभिराम बनाता है.