कटिहार: वक्फ बोर्ड को मिले असीमित अधिकारों को कम करके इसकी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड कानून में संसोधन का बिल संसद में लाया और उसे संसदीय समिति के पास भेज दिया गया. बिल में मुस्लिम महिलाओं समेत मुस्लिम समाज के अन्य पिछड़े वर्ग, शिया, सुन्नी, बोहरा और आगाखानी जैसे वर्गों को प्रतिनिधित्व देने के लिए केंद्र सरकार दो महत्वपूर्ण विधेयक लोकसभा में पेश किया. वक्फ बोर्ड कानून 2013 संसोधन में वक्फ बोर्डों को व्यापक शक्तियां प्रदान की गई थी. तब से यह विवादास्पद हैं.
वक़्फ़ बोर्ड एमेंडमेंट बिल के समर्थन और विरोध को लेकर देश भर में संगठन विशेष के लोग अपने-अपने पक्ष में लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं, इसको लेकर मुस्लिम संगठन विशेष के लोग जहां कटिहार में रिजेक्ट वक़्फ़ बोर्ड एमएडमेंट बिल को लेकर अभियान चला रहे हैं.
वहीं अब कटिहार में ही हिंदू संगठन विशेष के लोग इस बिल के समर्थन में हिंदू समाज के लोगों के बीच जागरूकता अभियान चला रहे हैं, हिंदू संगठन के तरफ से भी इसको लेकर स्कैनर और लिंक जारी करते हुए इस बिल के समर्थन में लोगों को अधिक से अधिक वोट करने की अपील किया जा रहा है, कटिहार बड़ी दुर्गा मंदिर परिसर में हिंदू संगठन विशेष के तरफ से इस बिल के समर्थन में चलाये जा रहे हैं.
कटिहार बजरंग दल के पवन पोद्दार और अनीश सिंह ने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड के बारे में तो कई लोगों को जानकारी हीं नहीं है. बोर्ड किसी की जमीन पर अपना दावा ठोक कर अपने कोर्ट में फैसला ले लेता है, बिल से इसपर अंकुश लगेगी. उनका कहना है कि भारतीय सेना, भारतीय रेलवे के बाद सबसे ज्याद संपत्ति वक़्फ़ बोर्ड के पास हैं.
बता दें वक्फ या वक्फ का अर्थ है मुस्लिम कानून द्वारा पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए किसी भी चल या अचल संपत्ति का किसी भी व्यक्ति द्वारा दान देना. वक्फ अधिनियम, 1995, एक 'वकीफ' वह व्यक्ति जो मुस्लिम कानून द्वारा धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए संपत्ति समर्पित करता है द्वारा 'औकाफ' दान की गई और वक्फ के रूप में अधिसूचित संपत्ति को रेगुलेट करने के लिए लाया गया था.
रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह