MUZAFFARPUR: बिहार में बाढ़ का आना कोई नई बात नहीं है। लगभग हर साल बिहार में बाढ़ आती ही है और लोगों का घर-बार सहित सब कुछ अपने साथ बहाकर ले जाती है। हालांकि इस बार हालात थोड़े जुदा हैं। इस वर्ष मानसून के पहले यास तूफान की वजह से बिहार की सभी नदियों का जलस्तर बढ़ गया था। अब मॉनसून की अच्छी बारिश होने की वजह से समय से पहले ही बाढ़ आ गई। अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं की बाढ़ का विनाश गांव के साथ शहरों को भी अपनी जद में ले चुका है।
मुजफ्फरपुर जिले के बोचहा प्रखंड स्थित मुशहरी थाना क्षेत्र के विशनपुर जगदीश पंचायत के आथर गांव में बीमार बच्ची के लिए दवाई लेने निकले पिता को यह पता नहीं था कि वह वापस घर नहीं लौट पाएगा। दरअसल इन दिनों मुजफ्फरपुर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जिस वजह से कई इलाकों में 4 से 5 फीट तक पानी लग गया है। इसी दौरान अपनी बच्ची के लिए दवाई लेने जा रहे 45 वर्षीय प्रमोद महतो का पैर फिसलने से बाढ़ की पानी में डूबने से मौत हो गई। मौत की खबर सुनते ही घर में कोहराम मच गया।
आक्रोशित ग्रामीणों ने मुशहरी प्रखंड अंतर्गत द्वारिका नगर चौक पर शव को सड़क पर रखकर मुआवजा की मांग करने लगे। विलाप करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ की इस त्रासदी में भी प्रशासन से कोई भी सुविधा गांव बाढ़ पीड़ितों के लिए अब तक नहीं दी गई है। ग्रामीणों ने बताया कि कागजों पर 42 नाव चल रही है लेकिन इलाके में 5 से 6 नाव ही चल रहा है। इसके साथ ही लोगों ने कहा कि प्रमोद महतो को लेकर अब तक इस गांव में 6 लोगों की मौत बाढ़ की पानी में डूबने से हो गयी है। प्रशासन को जनता की थोड़ी भी परवाह नहीं है। सरकारी योजनाएं कागज पर चल रही हैं और राशि का बंदर बांट हो जाता है। आम जनता को कोई लाभ नहीं मिल पाता।