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BIHAR NEWS: बाढ़ से बेहाल हुआ पश्चिम चंपारण, हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद, लोग पलायन को मजबूर, नहीं मिली सरकारी मदद

BIHAR NEWS: बाढ़ से बेहाल हुआ पश्चिम चंपारण, हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद, लोग पलायन को मजबूर, नहीं मिली सरकारी मदद

BETTIAH:आधिकारिक तौर पर भले ही बिहार में बाढ़ नहीं आई हो, मगर नेपाल के बराज से कई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से सूबे कापश्चिम चंपारण हिस्सा बाढ़ग्रस्त-सा नजर आ रहा है। यहां से बहने वाली सभी नदियां खतरे के निशान के बिल्कुल करीब हैं। कई नदियों का जलस्तर बढ़ने से चंपारण के कई तटबंधों पर खतरा मंडराने लगा है। सिकटा प्रखण्ड के सूर्यपुरा मे ओरिया का बांध दो जगह से ध्वस्त हो चुका है। कई गांव टापू बन गए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान किसानों का हुआ है। समय से पहले बाढ़ आ जाने से उनकी खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं।

जिले में 15 जून को मॉनसून आया और उसके बाद से ही लगातार अच्छी बारिश हो रही है। बारिश की शुरूआत में किसान काफी खुश थे, मगर यह खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं टिकी। लगातार हो रही बारिश से गंडक, सिकरहना, पंडई, झपसा, मनोर, हड़बोडा, ओरिया सहित जिले की सभी नदियों का जलस्तर बढ़ गया। इससे कई जगह पर बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है।वहीं वाल्मीकि गंडक बराज से लगातार पानी का बहाव अप से निचले स्ट्रीम मे किया जा रहा है, जिससे गंडक नदी में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। पानी बढ़ने से नदी का पानी आसपास के खेतों में घुस गया और हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई। फसल बर्बाद होने से किसानों के रहने-खाने पर संकट आ गया है। वहीं बगहा अनुमंडल क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया की बाढ़ की स्थिति काफी भयावह हो गयी है। जिला प्रशासन से अभी तक कोई सहयोग नही मिला है।

वही इस संबंध मे वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रवेश मिश्रा ने बताया की जिले मे नौ विधानसभा क्षेत्र है। सभी क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जिले के 315 पंचायतों मे 80 से 85 फीसदी पंचायत बाढ़ के पानी से प्रभावित है। उन्होनें बताया कि फ्लड फाइटिंग के नाम पर अबतक 38 लाख खर्च हो चुके हैं, जबकि काम कहीं नजर नहीं आ रहा है। जिले के दोनों लोकसभा क्षेत्र के बांध का कटाव चिंताजनक है। किसान काफी परेशान है। विपक्षी नेता होने के नाते यहां कि जनता की मांग को सरकार तक पहुंचाना मेरा काम है। सरकार इसपर ध्यान नहीं देती है तो किसान आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।


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