नेपाल बार्डर पर उजबेकिस्तान की दो महिलाओं की गिरफ्तारी पर घिरी बिहार पुलिस और एसएसबी, कर दी भारत की छवि खराब

SITAMADHI : कुछ दिन पहले नेपाल की सीमा के पास से उजबेकिस्तान की दो महिलाओं की गिरफ्तारी का मामला सामने आया था। जिसमें सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल और बिहार पुलिस के द्वारा यह बताया गया कि दोनों महिलाएं बिना वीजा के नेपाल की सीमा में घुस रही थी। लेकिन अब इस गिरफ्तारी को लेकर जो बात सामने आई है, उसके बाद बिहार पुलिस और एसएसबी के कारण भारत की अतिथि देवो भवः की छवि को नुकसान पहुंचा है।
पुलिस के किसी अधिकारी ने नहीं दिया ध्यान
मामलें में बताया गया कि भारत और नेपाल घूमने आए दो विदेशी नागरिक को बिना जांच किए हुए एक सप्ताह पूर्व सीतामढ़ी के इंडो नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी के जवानों ने भारत से नेपाल सीमा में प्रवेश कर रहे दो विदेशी महिला को संदिग्ध परिस्थिति में हिरासत में लिया था। जिसके बाद बिहार पुलिस के हवाले कर दिया गया। घटना के बाद उज़्बेकिस्तान स्थित गिरफ्तार महिलाओं के परिजनों ने एंबेसी के जरिए हाईकोर्ट के अधिवक्ता से संपर्क किया। संपर्क करने के तुरंत बाद मंगलवार को व्यवहार न्यायालय सीतामढ़ी में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी आर के पांडे के न्यायालय में हाईकोर्ट के अधिवक्ता वरुण नारंग और रूचर गुप्ता ने उज़्बेकिस्तान की महिला रेनो और ओगूलीजन का पक्ष दंडाधिकारी के समक्ष रखा।
वाहवाही लूटने में लगी रही बिहार की पुलिस
अधिवक्ताओं ने बताया कि दोनों उज्बेकिस्तान की महिलाओं के पास भारत और नेपाल घूमने का वीजा और पासपोर्ट 24 फरवरी तक उपलब्ध था। अधिवक्ताओं ने अपना दलील रखते हुए कहा कि एसएसबी जवान और बिहार पुलिस को ऑनलाइन पासपोर्ट और वीजा की जांच करनी चाहिए थी जोकि नहीं की गई । लेकिन वाहवाही लूटने के लिए फर्जी तरीके से जिला पुलिस और एसएसबी ने 420/120 धाराओं को लगाकर दोनों महिलाओं को जेल भेज दिया। अधिवक्ताओं ने बताया कि भाषाओं को नहीं समझ पाने के कारण यह मामला हुआ है।
मिली जमानत, जल्द होगी रिहाई
न्यायालय ने दोनों महिलाओं को जमानत दे दी है। दोनों महिलाएं बुधवार को जेल से रिहा कर दी जाएगी मामले को लेकर दोनों अधिवक्ताओं ने कहा कि एसएसबी और बिहार पुलिस ने जो काम किया है उससे भारत देश की बदनामी हुई है समय रहते अगर एंबेसी के जरिए उज्बेकिस्तान की महिलाओं के परिजन अगर उनसे संपर्क नहीं करते तो महिलाओं को जेल में न जाने कितने दिन बिताना पड़ता जबकि महिलाएं पासपोर्ट और वीजा लेकर भारत और नेपाल घूमने आई थी।