Bihar politics: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार उनकी जासूसी करवा रही है। इसके बाद से ही सियासी हलचल तेज है। वहीं अब जदयू और बीजेपी की ओर से तेजस्वी यादव पर पलटवार किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज(सोमवार) बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जैसे दवा एक्सपायरी हो जाता है ना तो उस दवा का कोई काम नहीं रह जाता है। दवा अनुपयोगी हो जाता है। इस तरह जिस सज्जन का नाम आपने लिया वो राजनीति में एक्सपायरी दवा की तरह हो गए हैं।
मंगल पांडे ने तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना ही कहा कि, वो भी अनुपयोगी हो गए हैं। क्योंकि उनको बहुत कम उम्र में बिहार की जनता ने देख लिया कि पिता की परछाई से वह बाहर निकल नहीं पाए और पिता की छाया में ही राजनीति करके पिता ने जिस पदचिन्ह को राजनीति में छोड़ा था । जैसे अपराध, गुंडागर्दी, अपराधियों को समर्थन, अपराधियों को संरक्षण, भ्रष्टाचार, परिवारवाद इस रास्ता पर वह आगे बढ़े हैं, तो जनता उनको रिजेक्ट कर चुकी हैं। वह एक्सपायर दवा की तरह अनुपयोगी हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि, राजनीति में वह क्या बोलते हैं, क्या करते हैं। इसका कोई मतलब अब नहीं है। बिहार की जनता का साफ संदेश है लोकसभा चुनाव में कि हमें एनडीए पसंद है। हमें नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार का नेतृत्व पसंद है। बाकी राजनीति करना है तो घूमते रहे। वहीं वन नेशन वन इलेक्शन पर मंगल पांडे ने कहा कि यह काफी गंभीर विषय है । पूरे देश में सभी राजनीतिक दलों के बीच इस पर विचार विमर्श चल रहा है। विचार विमर्श पूर्व में भी हुआ है। सभी राजनीतिक दलों का सुझाव लिया गया है। देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति गठित है। उस समिति ने एक रिपोर्ट तैयार किया था और सभी राजनीतिक दलों से विचार विमर्श करने के उपरांत जो विचार बनेगा। जो सुझाव सभी का आएगा उसके आलोक में कोई भी निर्णय होगा।
बता दें कि, पटना में वक़्फ़ विधेयक संसोधन बिल को लेकर अल्पसंख्यकों की बैठक हुई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर इस कानून को जबरदस्ती थोपा जाएगा तो अल्पसंख्यक समाज सड़क पर उतरेगा और कृषि बिल की तरह सरकार को इस कानून को वापस लेना होगा। इस सवाल के जवाब में मंगल पांडे ने कहा कि हमने इसको सुना नहीं है लेकिन अगर यह उनकी भाषा है तो यह ठीक नहीं है। यह लोकतांत्रिक देश है, प्रजातांत्रिक देश है। संविधान से देश चलता है, संविधान की व्यवस्थाएं हैं और संविधान के व्यवस्था में जब कभी सुधार की जरूरत पड़ी है आजादी के बाद बहुत सुधार किए गए हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई सुधार हुए हैं। आगे भी जिन सुधारो की जरूरत होगी तो हम सुधार की तरफ आगे बढ़ेंगे।
पटना से वंदना की रिपोर्ट