बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

विशेष राज्य का दर्जा मिलने से दूर होगी बिहार की गरीबी... तेजस्वी यादव ने कहा, आर्थिक आकड़े प्रस्तुत कर केंद्र सरकार पर बनायेंगे दबाव

विशेष राज्य का दर्जा मिलने से दूर होगी बिहार की गरीबी... तेजस्वी यादव ने कहा, आर्थिक आकड़े प्रस्तुत कर केंद्र सरकार पर बनायेंगे दबाव

पटना. बिहार जाति गणना सर्वे से स्पष्ट हुआ है कि राज्य में 34.1 फीसदी गरीब है. ऐसे में अभियान चलाकर ऐसे परिवारों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने की जरूरत है. इसलिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे है. ये बातें गुरुवार को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, वित्त मंत्री विजय चौधरी सहित अन्य मंत्रियों ने संवाददाता सम्मेलन में कही. उन्होंने कहा कि हमारी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग है। पिछले 13 वर्षों से मुख्यमंत्री की यह मांग रही है।

तेजस्वी ने कहा, बिहार ने हमेशा देश को दिशा दिखाने का काम किया है. हमारी हमेशा से यही मांग थी कि देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए. सभी दलों के नेताओं ने पीएम मोदी से मुलाकात की, लेकिन वहां कोई बात नहीं बन पाई. इसलिए हमने तय किया कि राज्य सरकार इसे अपने दम पर करेगी. पिछले विधानसभा सत्र के दौरान हमने पूरी रिपोर्ट सबके सामने रखी थी. यह सभी स्थितियों को निर्दिष्ट करता है, चाहे वे सामाजिक हों या आर्थिक. केवल बिहार ही ऐसा राज्य है जिसके पास अपनी जनसंख्या के बारे में सारी जानकारी है.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में हालात बदले हैं. बिहार में जाति आधारित गणना के बाद 75 फीसदी आरक्षण कोटा बढ़ाकर किए जाने के बाद इसकी जरूरत फिलहाल बहुत ज्यादा महसूस हो रही है कि राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए. उन्होंने कहा, आर्थिक सर्वेक्षण से अलग अलग जातियों में गरीबों की संख्या सामने आए हैं। इसमें बिहार में 34.1 फीसदी गरीबों की संख्या सामने आई है. वहीं नीति आयोग के आकलन में 33.8 फीसदी बिहार में गरीबी रेखा के नीचे थे. दोनों आंकड़े बेहद करीब रहे है. 

इसलिए बिहार में अभियान चलाकर ऐसे परिवारों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने की जरूरत है। इस दिशा में सीएम नीतीश ने पहले ही कहा है कि गरीब परिवारों को 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और भूमिहीन और आवासविहीन लोगों को घर के लिए वित्त सहयोग दिया जाएगा. इस पर 2.5 लाख करोड़ के खर्च का आकलन है. इसे बिहार 5 साल में इसको करना चाहती है. 

उन्होंने कहा कि यह अकेले हमारे बूते के बाहर है. इसलिए आंकड़ो के आधार पर हम विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे हैं। केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि समय पर केंद्रांश नहीं मिलता जिसकी वज़ह से वेतन देना भी मुश्किल हो रहा है। इन स्थितियों में बिहार को गरीबी से बाहर निकालने और राज्य की आर्थिक तरक्की के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग हमारी रही है. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की पीसी में मंत्री विजय चौधरी, अशोक चौधरी, बिजेंद्र यादव मौजूद रहे. 


Suggested News