PATNA: वित्तीय उन्नयन को लेकर आरडीडीई के लिखित आश्वासन के बाद शिक्षकों ने अपना उपवास समाप्त कर दिया है। क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (आरडीडीई) पटना द्वारा मॉडिफाइड एसयूरोड कैरियर प्रोग्रेसन स्कीम (एमएसीपीएस) 2010 के अंतर्गत राजकीयकृत व प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षक एवं प्रधानायापकों को वित्तीय उन्नयन का लाभ देने सहित सभी मांगों को स्वीकार करने तथा 15 अगस्त तक इसका निष्पादन करने के लिखित समझौते के बाद पटना प्रमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ ने एकदिवसीय उपवास व सत्याग्रह कार्यक्रम को समाप्त कर दिया है।
सोमवार को पटना प्रमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले पटना प्रमंडल अंतर्गत पटना, भोजपुर, बक्सर, नालंदा, रोहतास और कैमूर जिलों के हजारों शिक्षकों ने क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (आरडीडीई) पटना की कार्यशैली, मनमानी, हठधर्मिता, टालमटोल की नीति और शिक्षा तथा शिक्षक विरोधी आचरण के खिलाफ क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय (बिहार इंटरमीडियएट एजुकेशन काउंसिल कार्यालय के बाहर) के समक्ष सामूहिक उपवास और सत्याग्रह किया।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने बताया कि दोपहर बाद क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, पटना के आग्रह व बुलावा पर पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जिसमें पटना प्रमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव चंद्रकिशोर कुमार, राज्य मूल्यांकन परिषद के सचिव देववंश सिंह, राज्य संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार, राज्य कार्यसमिति सदस्य प्रभाकर कुमार, नालंदा जिला संघ के सचिव देवनंदन प्रसाद सिंह ने आरडीडीई, पटना से उनके कार्यालय कक्ष में वार्ता की जिसमें आरडीडीई ने सभी मांगों को बिना शर्त स्वीकार किया और 15.8.2019 तक एमएसीपी-2010 योजना के लाभ का निष्पादन करने का आश्वासन दिया तथा उनके अनुरोध पर उपवास व सत्याग्रह कार्यक्रम वापस ले लिया गया।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के मंत्रिमंडल की स्वीकृति व शिक्षा विभाग द्वारा जारी संकल्प, आदेश तथा जिला शिक्षा पदाधिकारियों द्वारा अनुशंसा के बाद भी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय द्वारा पिछले चार माह से स्वीकृति हेतू करीब 2500 सेवापुस्तिका क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय में धूल फांक रही है। अनेकों बार संघ द्वारा स्मार देने के बाद आरडीडीई द्वारा संज्ञान नहीं लिये जाने और टालमटोल की नीति अपनाने के बाद संघ द्वारा आंदोलन का रुख अख्तियार करना पड़ रहा है।
क्या थी शिक्षकों की मांग
वार्ता में संघ के पदाधिकारियों ने आरडीडीई के समक्ष मांग रखी कि एमएसीपी 2010 के अंतर्गत जो लाभ राज्य के अन्य कर्मचारियों को मिल रही है वही लाभ शिक्षकों को भी देय हो। एमएसीपी 2010 योजना का लाभ सरकार के स्तर से सभी कर्मचारी व पदाधिकारी को 1.1.2009 से प्रदान किया गया है इसीलिए हम सभी शिक्षकों को भी 1.1.2009 से ही एमएसीपी 2010 योजना का लाभ हेतू सेवा की गणना की जाए।
संघ के पदाधिकारियों की मांग थी कि 4.3.2014 को जो लाभ शिक्षकों को प्रदत्त किया गया उसमें बहुत से शिक्षक वर्धित लाभ से वंचित हो गए थे। उनके निराकरण हेतू राज्य सरकार के स्तर से अधिसूचना संख्या 554 दिनांक 6.3.2019 के द्वारा एमएसीपी 2010 योजना के अंतर्गत इन शिक्षकों को लाया गया है। इसमें भी 31.12.2008 तक सेवानिवृत हो चुके शिक्षक भी इस लाभ से वंचित हो जायेंगे।
जिन शिक्षकों की सेवा 1.1.2009 से 3.3.2014 तक पूरी होती है और 4.3.2014 से उन्हें प्रवरण वेतनमान का लाभ दिया गया है पर वे द्वितीय एमएसीपी 2010 योजना लाभ से वंचित हो जाएंगे। वहीं 4.3.2014 के आधार पर जिन शिक्षकों को लाभ निर्धारित तिथि रहने के कारण इस योजना का लाभ प्रदत्त किया गया था जबकि यह लाभ एमएसीपी 2010 योजना के अंतर्गत 1.1.2009 से लागू होना चाहिए। ठीक इसी प्रकार वरीय वेतनमान का लाभ 12 वर्ष पर जो दिया गया है उन्हें भी 1.1.2009 के प्रभाव से यदि 10 वर्ष की सेवा पूरी हो जाती है उन्हें प्रथम उन्नयन का लाभ दिया जाए।
इस उपवास व सत्याग्रह कार्यक्रम में राज्य शैक्षिक परिषद के सचिव शशिभूषण दूबे, पटना जिला संघ के अध्यक्ष मोख्तार सिंह, सचिव सुधीर कुमार, कैमूर जिला संघ के सचिव रामाशीष प्रसाद सिंह, सदस्य रामनारायण सिंह, जिला परीक्षा सचिव जितेंद्र कुमार, गौतम महात्मा, आशुतोष कुमार, रोहतास जिला संघ के सचिव सतीश पांडेय, भोजपुर जिला संघ के सचिव श्रीनिवास सिंह, मुक्तेश्वर उपाध्याय, सुदर्शन प्रसाद, दीनदयाल मिश्र सहित हजारों की संख्या में शिक्षक व प्रधानाध्यापक मौजूद थे।