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JDU नेताओं पर बिफरी BJP! लाउडस्पीकर को सांप्रदायिक चश्मे से देखने वाले नेता गलत हैं, SC के आदेश का बिहार सरकार करे पालन

JDU नेताओं पर बिफरी BJP! लाउडस्पीकर को सांप्रदायिक चश्मे से देखने वाले नेता गलत हैं, SC के आदेश का बिहार सरकार करे पालन

PATNA: बिहार में लाउडस्पीकर पर सत्ताधारी दल के नेताओं में वाकयुद्ध छिड़ गया है। यूपी में लाउडस्पीकरों पर प्रशासन का डंडा चलने के बाद बिहार में भी योगी मॉडल को लागू करने की मांग बीजेपी की तरफ से की जा रही है। सत्ताधारी गठबंधन में सबसे बड़े दल बीजेपी के कई नेताओं ने सरकार से ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए लाउडस्पीकरों पर रोक लगाये जाने की मांग की है। इसपर जेडीयू नेताओं ने कड़ा प्रतिकार किया है। संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के बाद खुद सीएम नीतीश कुमार ने लाउडस्पीकर पर रोक की बात को सिरे से खारिज कर दिया है। इसके बाद बिहार बीजेपी ने बिना नाम लिए उपेन्द्र कुशवाहा पर हमला बोला है, साथ ही सीएम नीतीश को सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन करने की नसीहत दी है। भाजपा ने कहा है कि हर मुद्दे को राजनीतिक चश्मे से देखना उचित नहीं। 

बीजेपी ने जेडीयू पर कसा तंज

बिहार बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. राम सागर सिंह ने बिना नाम लिये जेडीयू नेताओं पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर को राजनीतिक चश्मे से देखने वाले नेता गलत हैं. सुप्रीम कोर्ट का आदेश है उसी को लागू किया गया है. ऐसे में जो राज्य इसे लागू किया वो गलत नहीं बल्कि जो लागू नहीं कर रहे वो गलत हैं। जिन राज्यों ने इसे लागू किया है वो धन्यवाद के पात्र हैं। यूपी ने इसे सख्ती से लागू किया है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यूपी में मंदिर-मस्जिद दोनों जगह से लाउडस्पीकर उतारा गया है. 21 हजार लाउस्पीकरों को हटाया गया है, 42 हजार लाउस्पीकरों के आवाज को कम किया गया है. रामसागर सिंह ने जेडीयू नेताओं से पूछा कि जब यूपी में लाउड स्पीकरों को हटाया गया तब वहां तो सांप्रादायिक सौहार्द खत्म नहीं हुआ....। दोनों संप्रदाय के लोग इसे लागू कर रहे हैं। ऐसे में बिहार में क्या परेशानी है? बिहार में भी इसे लागू किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए। ध्वनि प्रदूषण से अपनी जनता को बचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर 85 डेसीबल से उपर ध्वनि होता है तो नुकसान शुरू हो जाता है। 100 डेसीबल से ऊपर धवनि 15 मिनट तक सुनते हैं तो सुनने की क्षमता खत्म हो सकती है। 110 डेसीबल से ऊपर होने पर तो सिर्फ 1.5 मिनट में सुनने की क्षमता खत्म हो सकती है। ऐसे में क्या इस खतरे को बरकरार रखना चाहिए या सदा के लिए खत्म करना चाहिए। इस नियम को सख्ती से लागू करना चाहिए ताकि लोगों की श्रवण क्षमता खत्म न हो.

जानें उपेन्द्र कुशवाहा ने क्या कहा था.....

बता दें, शुक्रवार को जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा था कि बिहार में बीजेपी के जो लोग भी सलाह दे रहे हैं उन्हें इस तरह की जानकारी होनी चाहिए कि बिहार में अकेले बीजेपी की सरकार नहीं है. बिहार में एनडीए की सरकार है और उस सरकार के मुखिया नीतीश कुमार हैं. जब तक सरकार के मुखिया नीतीश कुमार है तब तक बिहार में कुछ भी ऐसा नहीं होगा. जिसको लेकर कोई बहुत विवाद हो या जनता के बीच गलत मैसेज जाए. बिहार की जनता अमन चैन के साथ रह रही है इसी तरह से बिहार चलेगा. बिहार में योगी मॉडल या नीतीश मॉडल के सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि निश्चित रूप से जो मॉडल जहां का है वहां के लोगों को मुबारक. बिहार में नीतीश कुमार अच्छा काम कर रहे हैं वहां कोई बाहर की बात का कोई नकल कर बिहार में चलाया जाए ऐसा हो ही नहीं सकता.

सीएम नीतीश बोले-रोक की बात फालतू

 लाउडस्पीकर को लेकर छिड़े विवाद के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो टूक कह दिया है कि धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाने और इनके उपयोग पर रोक लगाने की बात फालतू है। पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में इन सब चीजों से हमलोग सहमत नहीं हैं।

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