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विस में आपत्तिजनक बयान को लेकर सीएम नीतीश पर जमकर बरसे बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह, कहा आरजेडी से मिलने के बाद बदली सीएम की भाषा..

विस में आपत्तिजनक बयान को लेकर सीएम नीतीश पर जमकर बरसे बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह, कहा आरजेडी से मिलने के बाद बदली सीएम की भाषा..

AURANGABAD: औरंगाबाद के बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह ने महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक और विवादास्पद बयान देने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जमकर खरी खोटी सुनाई है। सांसद ने कहा कि आरजेडी के साथ मिलने के बाद मुख्यमंत्री की भाषा में भी बदलाव हो गया है। उन्होंने अपनी मर्यादा में रहते हुए नीतीश कुमार के काले कारनामे को भी इशारों ही इशारों में उजागर कर दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक बयान यह साफ दर्शाता है कि नीतीश कुमार की मानसिक सन्तुलन अच्छी नहीं है। यह बात भारतीय संविधान में अंकित है कि किसी भी व्यक्ति की अगर दिमागी सन्तुलन बिगड़ जाती है तो उसका किसी भी जिम्मेवार पद पर बने रहना उचित नही है। उन्हें सविधान के आधार पर बिहार को मुक्त कर देना चाहिये, हालांकि सांसद ने आरजेडी की बड़ी नेत्री पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को इस बात के लिए धन्यवाद देते है कि उन्होंने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए बयान को गलत ठहराया और यह कहा कि सीएम के मुंह से गलती से यह बात निकल गई है। कहा कि सीएम के मुंह से यह बात गलती से नही निकली है।

उन्होंने पूरे होशोहवास में एक बार नहीं बल्कि दो बार यह बयान दिया है। माफी मांगे जाने के बावजूद उनका यह बयान इस बात का परिचायक है कि नीतीश कुमार किस हद तक गिरी हुई मानसिकता वाले व्यक्ति है। बयान को लेकर माफी मांगने के दौरान भी नीतीश कुमार के बॉडी लैंग्वेज से कही से यह नहीं लगता कि उन्हें इस बयान के लिए कोई पछतावा भी है। माफी मांगने के दौरान उनमें कही से भी गलती वाला भाव नहीं दिख रहा था। उन्होंने कहा कि माफीनामा के दौरान उनकी थोथी दलील कि वें यह सब शिक्षा और जनसंख्या नियंत्रण के लिहाज से बोल रहे थे। भला शिक्षा का अश्लीलता से क्या मतलब है? जब शिक्षित व्यक्ति इस तरह की बात बोलेगा तो सभ्य समाज के लोग इस पर क्या कहेंगे, यह समझा जा सकता है। मुख्यमंत्री का यह बयान अमर्यादित और लज्जापूर्ण है।  नीतीश कुमार के इस बयान से पूरी दुनियां में भारतीय लाज्जित हुए है। साथ ही पूरे देश में बिहारी लज्जित हुए है।

कहा कि सीएम शिक्षा और जनसंख्या नियंत्रण और जन्म दर पर बात कहना चाह रहे थे तो इसे दूसरे तरीके से भी कहा जा सकता था। कभी गलती से कोई शब्द एक बार निकल सकता है, दो बार नहीं। वहीं गलती होने के बाद इंसान लगे हाथ उसे स्वीकार कर सुधार लेता है लेकिन नीतीश कुमार ने थोथी दलील के साथ एक दिन बाद माफी मांगी। उनका बयान कही से भी क्षम्य नहीं है। जेडीयू के राष्ट्रीय स्तर से लेकर छोटे स्तर तक के कार्यकर्ता इतना तक की पार्टी की महिला नेत्रियां किस आधार पर उनके बयान को सही ठहरा रही है। यह तो वें जाने लेकिन उनके बयानों से ऐसा लगता है कि जदयू में जमीर वाला अब कोई भी नहीं रह गया है। यदि जमीर होता तो जेडीयू की महिला नेत्रियां इसका कड़ा विरोध जताती। 

वहीं प्रेसवार्ता के दौरान जब मीडिया ने यह पूछा कि आपकी पार्टी भी तो उस वक़्त सदन में थी आपने भी तो विरोध नहीं किया इसपर उन्होंने बताया कि भाजपा के लोग तो अचंभित हो गये की मुख्यमंत्री ने यह क्या बोल दिया सारे लोग अचंभित हो गये जिसके कारण कुछ भी नहीं बोल सका। उन्होंने मुख्यमंत्री को उचित इलाज कराने का सलाह दिया है।

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