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नाथ पर कमल भारी, मध्यप्रदेश में भाजपा बम्पर जीत की ओर, भोपाल में भाजपा का जश्न शुरू, मुलाकातों का दौर शुरू

नाथ पर कमल भारी, मध्यप्रदेश में भाजपा बम्पर जीत की ओर, भोपाल में भाजपा का जश्न शुरू, मुलाकातों का दौर शुरू

DELHI-मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम के लिए  मतगणना जारी है. सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गणना की गई है. मध्यप्रदेश की सभी 230 सीटों पर रुझान सामने आ गए हैं. भाजपा को प्रदेश में एकतरफा बढ़त मिली है। भाजपा 161 सीटों पर आगे चल रही है. भाजपा को एकतरफा बढ़त मिली है. कांग्रेस पिछड़ गई है. कांग्रेस 67 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि 2 सीट पर अन्य आगे है. मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहन योजना काफी कारगर साबित हुआ है.

वहीं मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनावों के नतीजों के रुझानों में भाजपा ने स्पष्ट बढ़त बना ली है. इस बात पर चर्चा तेज हो गई है कि यदि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री नहीं बने तो पार्टी किसे आगे कर सकती है.नरसिंहपुर में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और दिमनी (मुरैना) में नरेंद्र सिंह तोमर भी इस समय आगे चल रहे हैं। उनकी जीत भी तय लग रही है। इंदौर-1 में कैलाश विजयवर्गीय भी आगे निकल गए हैं। ऐसे में इनके नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में हैं. 

वहीं चुनावों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अकेले ही फ्रंटफुट पर बैटिंग की है. उन्होंने 160 से ज्यादा रैलियां की हैं. इन रैलियों के जरिए पार्टी पर दावेदारी को लेकर दबाव भी बनाते दिखे हैं. जब वे मंच से सवाल करते थे कि मुझे फिर से सीएम या मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं? तो इसका असर यह जरूर हुआ कि आखिर वक्त में पार्टी के बड़े नेताओं ने उनकी योजनाओं का जिक्र करना शुरू कर दिया, लेकिन चेहरे पर अभी तक लोग चुप्पी साधे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज से भी ग्वालियर में एक दिसंबर को जब यह सवाल किया गया कि जब आप पांचवी बार मुख्यमंत्री बनेंगे? तो वे भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद कहते हुए आगे निकल गए. इसका मतलब साफ है कि अभी भी उनके नाम पर संशय बरकरार है, ऐसे में दूसरे दावेदारों के नाम की चर्चा शुरू हो गई है.

समाजवादी पार्टी ने मध्यप्रदेश में बाजपा की जीत पर कांग्रेस पर तंज कसा है. बता दें इंडी गठबंधन ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए शीट पर समझौता नहीं किया था. जिसका विरोध समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने किया था.

 

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