पटना/दिल्ली. सत्ता में आने के साढ़े नौ साल बाद तक जिस महिला आरक्षण विधेयक को भाजपा ने सदन में पेश नहीं किया उसे अब चुनावी कारणों से पेश किया जा रहा है. केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा पर यह आरोप कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने मंगलवार को लगाया. उन्होंने कहा कि हम इस विधेयक का स्वागत करते हैं. लेकिन कुछ तो सवाल तो हैं.
उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल कांग्रेस का बिल है. ये कांग्रेस लेकर आई थी. मार्च 2010 में यह बिल राज्यसभा से पास हो गया. बीजेपी को सत्ता में आए 9.5 साल हो गए. चुनाव से ठीक पहले महिला आरक्षण विधेयक लाने अब उन्होंने क्यों सोचा है, यह सवाल है? आप सत्ता पाना चाहते हैं और यही वजह है कि अब इस विधेयक को लाने की बातें कही गई हैं. उन्होंने कहा कि अगर विधेयक सदन के सामने आता है तो हम उसका स्वागत करेंगे.
संसद के नये भवन में मंगलवार को होने वाली सदन की बैठक में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया जाएगा, या नहीं इस संबंध में सवाल करने पर सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘इसे संसद में पेश किया जा सकता है.’
राज्यसभा द्वारा 2010 में पारित महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था. इससे पहले, मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही संसद का यह सत्र छोटा हो, लेकिन इसमें ‘‘ऐतिहासिक निर्णय’’ लिया जाएगा.