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BJP उपाध्यक्ष को देना पड़ा इस्तीफा, JDU से नजदीकी की खबर के बाद अलग थलग पड़ गए थे राजीव रंजन

BJP उपाध्यक्ष को देना पड़ा इस्तीफा, JDU से नजदीकी की खबर के बाद अलग थलग पड़ गए थे राजीव रंजन

PATNA : बिहार भाजपा को आज बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने पार्टी छोड़ने की घोषणा की है। आज प्रदेश अध्यक्ष को भेजे अपने अपने इस्तीफे में उन्होंने पार्टी से सभी पद और पार्टी की सदस्यता खत्म करने की बात कही है। 

नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया, कहा - पार्टी भटक चुकी है

अपने इस्तीफे के साथ राजीव रंजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को भी निशाने पर लिया है। उन्होंने इस्तीफे में लिखा है कि  खेदपूर्वक कहना है कि बिहार भाजपा आज प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की नीतियों व आदर्शों से पूरी तरह भटक चुकी है। प्रधानमन्त्री जी के ‘सबका साथ-सबका विकास’ की बात केवल कहने तक ही सीमित हो चुकी है। आज पार्टी में पिछड़ा/अतिपिछड़ा व दलित समाज के विरोधी तत्व हावी हो चुके हैं। 

हालात यह है कि जो नेता पिछड़े समाज के नहीं है वह भी इस समाज के नाम पर दशकों से सत्ता सुख भोग रहे हैं। इनके चहेते चंद नेताओं के अतिरिक्त पार्टी में पिछड़ा/अतिपिछड़ा व दलित समाज के नेताओं का उपयोग केवल झंडा ढ़ोने तक ही सीमित कर दिया गया है, जो प्रधानमन्त्री जी की नीतियों की सरासर उपेक्षा है। 

नालंदा प्रेम को किया जाहिर

 इसी तरह पार्टी के एजेंडा सिर्फ और सिर्फ पटना तक ही सीमित रह गया है। नालंदा जिले की बात तक नहीं होती. यह सरासर नालंदा व अन्य जिलों की उपेक्षा है। क्षेत्र में जनता द्वारा पूछे जाने पर हम जवाब तक नहीं दे पाते। इसके अतिरिक्त और भी विषय हैं जिनपर मेरा पार्टी से मतैक्य नहीं है। कई विषय मैं इस पत्र में नहीं लिख रहा, लेकिन आने वाले समय में उन्हें उठाता रहूँगा। इसीलिए मैं पार्टी के पद और सदस्यता से अपना त्यागपत्र देता हूं। आपसे अनुरोध है कि इस त्यागपत्र को स्वीकार कर मुझे पार्टी प्रदत दायित्वों से मुक्त करें।

 बता दें कि पिछले कुछ दिनों से लगातार राजीव रंजन भाजपा विरोधी बयान दे रहे थे। छपरा में हुए शराबकांड में भाजपा के मुआवजे की मांग का उन्होंने विरोध किया था। साथ ही इस मामले में नीतीश कुमार के फैसले की तारीफ की थी। जिसके बाद से ही उनके पार्टी छोड़ने के कयास लग रहे थे।


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