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36 घंटे से मंदिर की परिक्रमा कर रहा काला श्वान, लोग बोले- 'ये काल भैरव का स्वरूप है, मनुष्यों की तरह परिक्रमा करता है यह श्वान

36 घंटे से मंदिर की परिक्रमा कर रहा काला श्वान, लोग बोले- 'ये काल भैरव का स्वरूप है, मनुष्यों की तरह परिक्रमा करता है यह श्वान

गया. सनातन धर्म में मनुष्यों के अलावे कई पशु ऐसे हैं, जिन्हें भगवान का रूप समझा जाता है. इन्हीं रूपों में श्वान को भी एक रूप माना जाता है, जिन्हें भगवान शंकर के भैरव बाबा का रूप कहा जाता है. इसके बीच गया में श्वान की भक्ति की अनोखी तस्वीर सामने आई है. गया में एक काले श्वान की भक्ति देखते ही बन रही है. यह श्वान मनुष्य की तरह भगवान शंकर भैरव बाबा के मंदिर की परिक्रमा कर रहा है और इस तरह से भक्ति में लीन है. अनवरत पिछले 36 घंटे से अधिक समय से मनुष्य की तरह इसकी साधना जारी है.

मनुष्यों की तरह मंदिर की परिक्रमा करता है यह श्वान 

एक काले श्वान (कुता) की अनोखी आस्था विश्व प्रसिद्ध मंगला गौरी मंदिर में देखने को मिल रही है. मंगला गौरी मंदिर के समक्ष ही भगवान भोले शंकर भैरव बाबा का मंदिर है. इस मंदिर में कई श्वान रहते हैं, लेकिन पिछले दो दिनों से एक श्वान को अनोखी आस्था करते देखा जा रहा है. यह भगवान शंकर भैरव बाबा के मंदिर की अनवरत परिक्रमा कर रहा है. इतना ही नहीं, जिस प्रकार से मनुष्य विधि विधान से परिक्रमा करते हैं, ठीक उसी तरह से यह श्वान भी परिक्रमा में जुटा हुआ है. इसकी आस्था देख मां मंगला गौरी मंदिर आने वाले लोग भी आश्चर्यचकित रह जा रहे हैं.

मनुष्यों की तरह बाएं से दाएं की ओर से ही परिक्रमा करता है 

यह श्वान मनुष्यों की तरह ही बायें से दाएं की ओर परिक्रमा करता है. इसकी साधना पिछले दो दिनों से जारी है. एक बार भी ऐसा नहीं हुआ, कि इसने दाएं से बाएं, जो कि धार्मिक रूप से गलत कहा जाता है, उस तरह से परिक्रमा की हो. इस तरह एक यह मूक पशु एक ज्ञानवान की तरह मनुष्य की भांति परिक्रमा कर रहा है.

थक जाने पर बैठता है फिर परिक्रमा शुरू कर देता है 

प्राचीन काल से विभिन्न धार्मिक किताबों में भी इस तरह पशुओं की आस्थाओं की कहानी पढ़ने को मिलती है, लेकिन वर्तमान में इसका नजारा देखा जा सकता है. यह काला श्वान लगातार परिक्रमा करता है. थक जाने पर कुछ देर के लिए बैठ जाता है और फिर उसके बाद पुनः परिक्रमा में जुट जाता है. लोग और पुजारी कहते हैं, कि यह भगवान भोलेनाथ भैरव बाबा के मंदिर के प्रति अपनी आस्था-भक्ति प्रकट कर रहा है. ऐसी अनोखी आस्था कम ही देखने को मिलती है. यह उनके लिए आश्चर्य च।से कम नहीं है, तो इसे धर्म के नजरिए से धार्मिक चमत्कार भी कह सकते हैं. क्योंकि एक मूक पशु इस तरह से मनुष्यों की भांति मंदिर की लगातार पिछले दो दिनों से परिक्रमा कर रहा है.

वीडियो बनाने में जुटे लोग, खूब मिल रहा प्यार 

फिलहाल इस तरह की आस्था देख लोगों की आंखें फटी रह जा रही है. वे विस्मित हो जा रहे हैं. इस श्वान को खूब प्यार मिल रहा है. लोग इसका वीडियो भी बना रहे हैं और उसकी इस आस्था को सोशल माध्यमों से दिखा भी रहे हैं. वही इस काले श्वान को लोग खाने-पीने की चीज भी लगातार दे रहे हैं और भगवान का रूप मानकर उसे प्रणाम भी कर रहे हैं. फिलहाल यह मूक काला श्वान अपनी आस्था को लेकर काफी चर्चा में आ गया है. कोई भी देखकर यह कह सकता है, कि यह भगवान की भक्ति कर रहा है.

जीवधारी के जन्म-जन्मांतर, पूर्व जन्म, पुनर्जन्म की सच्चाई को कोई झुठला नहीं सकता: पुजारी 

इस संबंध में मंगला गौरी मंदिर के पुजारी आकाश गिरी बताते हैं, कि मनुष्य हो या पशु-पक्षी जीवधारी के जन्म-जन्मांतर, पूर्व जन्म, पुनर्जन्म की सच्चाई को कोई झुठला नहीं सकता है. कहीं न कहीं इस तरह का ऐसा कोई कनेक्शन इस श्वान के साथ भी है और यही वजह है, कि अचानक से यह पिछले दो दिनों से लगातार भगवान भोले शंकर भैरव बाबा के मंदिर की परिक्रमा कर रहा है, जो कि माता मंगला गौरी मंदिर के ठीक सामने स्थित है. जिस तरह से मनुष्य विधि विधान तरीके से मंदिर की परिक्रमा कर पूजन की प्रक्रिया पूरा करता है. उसी प्रकार से यह श्वान भी लगातार प्ररिक्रमा कर रहा है. पिछले दो दिनों से यह परिक्रमा जारी है. निश्चित तौर पर इसे ईश्वर के प्रति आस्था कहा जा सकता है. इस तरह पहले भी हम लोग जानते रहे हैं, कि मनुष्य के अलावे जीव भी आस्था करते हैं. ऐसे में सांप और श्वान से कई जुड़ी कहानी भी सुनने को मिलती रही है. इसके बीच इस प्रकार से यह काला श्वान भी भगवान की परिक्रमा कर रहा है. इसकी परिक्रमा देख हम कह सकते हैं कि यह भगवान की भक्ति कर रहा है. यह भक्ति देखते ही बनती है.

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