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BREAKING : सीएम नीतीश से मिलने पहुंचे बाहुबली आनंद मोहन, ठाकुर और ब्राह्मण विवाद के बाद दोनों में हुई खास बात

BREAKING : सीएम नीतीश से मिलने पहुंचे बाहुबली आनंद मोहन, ठाकुर और ब्राह्मण विवाद के बाद दोनों में हुई खास बात

पटना. पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन ने गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. ठाकुर और ब्राह्मण विवाद की वजह से इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे आनंद मोहन की इस मुलाकात को बेहद खास माना जा रहा है. संसद में महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान राजद सांसद मनोज झा ने ‘ठाकुर का कुआं’ नाम की कविता पढ़ी थी. इस कविता को लेकर आनंद मोहन के बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद ने कड़ा विरोध जताया और इसे समाजवाद के नाम पर दोगलापन तक कहा था. बाद में आनंद मोहन भी मनोज झा के खिलाफ आक्रामक हुए और उन्होंने ठाकुर का कुआं पढने को राजपूतों का अपमान बताया. ठाकुर का कुआं के बाद से राजद और जदयू के कई नेताओं में तीखी बयानबाजी भी देखने को मिली. 

इस बीच अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने आनंद मोहन पहुंचे तो इसके खास सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि आनंद मोहन और उनके बेटे चेतन आनंद का मनोज झा पर हमलावर होना न तो लालू यादव को पसंद आया और ना ही इसे नीतीश कुमार की पार्टी ने सराहा. साथ ही ठाकुर और ब्राह्मण विवाद के चक्कर में सत्तारूढ़ महागठबंधन की छवि की धूमिल हुई. विशेषकर जातीय तौर पर यह एक बड़ा विवाद बना. संभवतः इन्हीं विवादों के बाद नीतीश कुमार से मिलकर आनंद मोहन अब अपनी सफाई देने पहुंचे हैं. 


जातीय गणना पर भी आपत्ति : पूर्व सांसद आनंद मोहन ने एक दिन पहले ही सहरसा में जातीय गणना की रिपोर्ट पर भी आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा था कि जातिगत गणना कर बिहार सरकार ने अच्छा कार्य किया है लेकिन जातिगत गणना में कुछ त्रुटियां हैं जिन्‍हें सुधारने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जातिगत गणना आर्थिक सामाजिक व शैक्षणिक स्थिति को देखते हुए की जानी चाहिए जिसमें चूक हो गई है. माना जा रहा है कि सीएम नीतीश से मुलाकात के पिछले एक यह भी वजह है. वे जातीय गणना से जुड़े अपने संशय पर भी सीएम नीतीश से बात कर सकते हैं. 

आनंद मोहन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : गौरतलब है कि आनंद मोहन को गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या मामले में उम्रकैद में सजा मिली थी. हालांकि इसी वर्ष बिहार सरकार ने नियमों में संशोधन कर बिहार जेल नियमावली 2012 को बदल दिया. इसके बाद आनंद मोहन की जेल से रिहाई हो गई. हालांकि उनकी रिहाई को विधि सम्मत नहीं बताते हुए जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट 3 नवंबर को सुनवाई करेगा.आनंद मोहन की रिहाई के बाद से आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया का परिवार लगातार नीतीश सरकार के इस फैसले पर विरोध जता रहा है. आनंद मोहन की रिहाई को जी कृष्णैया की बेटी ने दुखद बताया था. उन्होंने कहा था कि यह हमारे लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है.सीएम नीतीश को इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए. अगर वह (आनंद मोहन) भविष्य में चुनाव लड़ेंगे तो जनता को उनका बहिष्कार करना चाहिए. मैं उन्हें (आनंद मोहन) वापस जेल भेजने की अपील करती हूं.


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