BREAKING : इंडिया का संयोजक बनने पर सीएम नीतीश का बड़ा बयान ... इंडिया की मुंबई बैठक के पहले विपक्ष को दिया संदेश

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा है कि वे इंडिया अलायंस के संयोजक नहीं बनेंगे. नीतीश कुमार ने सोमवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि उन्हें संयोजक या मैं कुछ भी नहीं बनना चाहता. मैं यह बात बार-बार बता रहा हूं और फिर से दोहराता हूँ कि मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है. मैं तो बस सबको एकजुट करना चाहता हूं. नीतीश से पूछा गया था कि मुंबई में इंडिया अलायंस की अगली बैठक अगर उन्हें संयोजक की भूमिका की पेशकश की गई तो क्या वह स्वीकार करेंगे. इस बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी ऐसी कोई इच्छा नहीं है.
दरअसल, नीतीश कुमार को लेकर कहा जा रहा है कि इंडिया की मुम्बई बैठक में उन्हें हम जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसमें संयोजक का पद शामिल है. हालांकि पटना और बेंगलुरु की बैठक में संयोजक के नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई थी. ऐसे में एक बार फिर से मुम्बई बैठक के जिन मुख्य एजेंडों की बातें हो सकती है उसमें इंडिया का एक लोगो जारी करना और संयोजक के रूप में किसी एक नेता को नामित करने पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है. जिन प्रमुख चेहरों को संयोजक की जिम्मेदारी देने की चर्चा है उसमें नीतीश कुमार के नाम पर सर्वाधिक चर्चा है.
नीतीश क्यों बन सकते हैं संयोजक : सीएम नीतीश भले ही यह कहें कि वे इंडिया का संयोजक नहीं बनना चाहते हैं लेकिन वे इस पद के सबसे बड़े दावेदार हैं. इसका बड़ा कारण नीतीश कुमार की वह पहल है जिसके तहत विपक्ष एकजुट हुआ है. नीतीश कुमार ने पिछले वर्ष अगस्त 2022 में बिहार में महागठबंधन सरकार बनाई थी. उसके बाद ही उन्होंने कहा था कि केंद्र की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए विपक्ष का एकजुट होना जरूरी है. उन्होंने इसके लिए सितम्बर 2022 में देश के कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी. करीब 8 महीनों के बाद नीतीश की पहल रंग लाई और पटना में जून 2023 में पहली बार विपक्षी दल एक साथ बैठक किए. नीतीश की पहल पर सबकुछ साकार होने से वे एक ऐसे चेहरे के रूप में सामने आए हैं जो सबसे योग्य संयोजक माने जा रहे हैं.
नीतीश रख सकते हैं शर्त : नीतीश के इन्हीं प्रयासों से उन्हें विपक्ष के इंडिया का संयोजक पद के लिए सबसे मुफीद चेहरा माना जा रहा है. हालांकि पिछले दिनों राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा था कि तीन-चार राज्यों को मिलकर एक संयोजक बनाया जा सकता है. बाद में नीतीश कुमार ने उनके बयान से अलग दावा किया था. अब एक बार फिर से नीतीश ने कहा है कि वे संयोजक बनना नहीं चाहते हैं. उनके बयान के बाद अब 31 अगस्त और 1 सितम्बर की मुंबई बैठक बेहद अहम होगी कि उसमें संयोजक पर क्या निर्णय लिया जाता है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नीतीश अगर संयोजक बनते हैं तो उन्हें बिहार में सीएम पद छोड़ना पड़ सकता है. ऐसे में नीतीश फ़िलहाल यही शर्त राजद और अन्य दलों के सामने रख सकते हैं कि संयोजक बनने के बाद भी सीएम वही बने रहेंगे.