BREAKING : सीएम नीतीश लड़ेंगे लोकसभा चुनाव ! मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक, फूलपुर संसदीय सीट से आजमा सकते हैं किस्मत

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के फूलपुर से चुनाव लड़ सकते हैं. इसे लेकर शनिवार को सीएम आवास में महत्वपूर्ण बैठक हो रही है. उत्तर प्रदेश के फूलपुर से आए एक प्रतिनिधिमंडल की सीएम नीतीश के साथ मुलाकात हुई है. इस बैठक में यूपी के जदयू नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ ही जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और वित्त मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद रहने की बातें कही गई हैं. यूपी के जदयू की ओर से सीएम नीतीश से आग्रह किया गया है कि आप अगले चुनाव में फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ें. इसके लिए उन्हें एक आग्रह पत्र भी सौपा गया है.
मुख्यमंत्री से आग्रह करने पहुंचे नेताओं में उत्तर प्रदेश के प्रभारी श्रवण कुमार भी मौजूद हैं. श्रवण कुमार इसके पहले भी सीएम नीतीश के लिए फूलपुर से चुनाव लड़ने की बात कर चुके हैं. अब वे एक प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि आज की मुलाकात में कई मुद्दों पर चर्चा होगी जिसमें फूलपुर में जदयू की स्थिति, वहां के वोटों का समीकरण सहित सीएम नीतीश अगले चुनाव को लेकर क्या सोचते हैं उस पर बातचीत होगी.
दरअसल, फूलपुर लोकसभा क्षेत्र को उत्तर प्रदेश के उन संसदीय क्षेत्रों में माना जाता है जहाँ सर्वाधिक संख्या में कुर्मी मतदाता हैं. सीएम नीतीश भी जाति से कुर्मी हैं. ऐसे में उनके लिए फूलपुर एक मुफीद संसदीय क्षेत्र हो सकता है जहां जातीय समीकरणों के हिसाब से वे चुनावी दंगल में उतर सकते हैं. वहीं फूलपुर का इतिहास भी काफी ऐतिहासिक हैं. यहां से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने चुनाव लड़ा था. ऐसे में सीएम नीतीश को भी पीएम पद का दावेदार माना जाता है. फूलपुर से निर्वाचित पंडित नेहरु के नाम पीएम बनने का रिकॉर्ड है. ऐसे में इसे भी एक बड़ा कारण माना जाता है कि नीतीश कुमार वहां से चुनाव मैदान में उतरकर एक बड़ा संदेश दें.
हालांकि सीएम नीतीश पहले भी कई मौके पर कह चुके चुके हैं उनकी इच्छा प्रधानमंत्री बनने की नहीं है. साथ ही वे अगला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसे लेकर भी सीएम नीतीश ने पत्ता नहीं खोला है. इस बीच, अब आज की बैठक इन मायनों में बेहद महत्वपूर्ण है. नीतीश कुमार ने वर्ष 1989, 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 के संसदीय चुनावों में जीत हासिल की थी और वे सांसद बने थे. बाद में वे 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री हैं. वहीं केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट कर अगले लोकसभा चुनाव में उतरने की पहल भी नीतीश कुमार ने की. उन्ही की पहल का नतीजा है कि विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन बना है.