पटना. भाजपा ने भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह को पार्टी से निकाल दिया है. पवन सिंह पर यह कार्रवाई उनके बिहार के काराकाट संसदीय सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने को लेकर हुआ है. काराकाट सीट एनडीए के सहयोगी दल के खाते में गई है और यहाँ से उपेन्द्र कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन, पवन सिंह ने निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरकर भाजपा के फैसले को खुली चुनौती दे दी. पवन सिंह की इस अनुशासनहीनता के कारण भाजपा ने अब उनके खिलाफ कार्रवाई की है और पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
दरअसल, पवन सिंह को भाजपा ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से उम्मीदवार बताया था. लेकिन उन्होंने उम्मदीवारी घोषित होने के अगले दिन चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया. साथ ही यह भी कहा कि वे जल्द ही बिहार से चुनाव लड़ेंगे. बाद में उन्होंने काराकाट से चुनाव लड़ने की घोषणा की जबकि एनडीए में यह सीट उपेन्द्र कुशवाहा के खाते में गई है. पवन के चुनाव लड़ने से उपेन्द्र कुशवाहा को यहाँ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. पवन सिंह की लोकप्रियता और उनके राजपूत जाति से होने के कारण यहाँ वोटों का बड़ा बिखराव होना तय माना जा रहा है.
पिछले तीन लोकसभा चुनाव में महाबली सिंह कुशवाहा तथा उपेंद्र कुशवाहा ने यहां जीत दर्ज की है, यानी तीनों बार कुशवाहा जाति के नेता ही यहां के सांसद हुए हैं. इस बार एनडीए से उपेन्द्र कुशवाहा और महा गठबंधन से राजाराम कुशवाहा मुख्य उम्मीदवार हैं. दोनों के कुशवाहा जाति से होने के कारण इस जाति के वोटों का दो भागों में बंटना तय माना जा रहा है. इस स्थिति में राजपूत वोटों की बड़ी अहमियत होगी. पवन सिंह इसी जाति से आते हैं. भाजपा ने अब पवन सिंह पर कार्रवाई कर अपने गठबंधन सहयोगी उपेन्द्र कुशवाहा को मजबूत साथ देने का बड़ा संदेश दिया है. वहीं भाजपा की इस कार्रवाई से अब वैसे नेता जो भाजपा के होते हुए पवन सिंह के लिए किसी तरह का साथ दे रहे थे उन्हें भी पार्टी ने एक सख्त संदेश दिया है.
काराकाट में इस बार 18 लाख 72 हजार से अधिक मतदाता अपने मतों का प्रयोग करेंगे. जातीय समीकरण की बात करें तो यह इलाका यादव तथा कुशवाहा बहुल है. वही सवर्ण एवं मुस्लिम वोटर की यहां अच्छी खासी संख्या है. अति पिछड़ा में मल्लाह की वोट काफी है.