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BREAKING NEWS : तेज प्रताप को चिराग नहीं, पारसगुट वाली लोजपा पसंद, रामविलास की पुण्यतिथि कार्यक्रम का बने हिस्सा

BREAKING NEWS : तेज प्रताप को चिराग नहीं, पारसगुट वाली लोजपा पसंद, रामविलास की पुण्यतिथि कार्यक्रम का बने हिस्सा

PATNA : राजद से नाराज चल रहे तेज प्रताप यादव को पारस गुट वाली लोजपा, यानी कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी पसंद है। यह बात एक बार फिर जाहिर हो गयी है। जब तेज प्रताप यादव लोजपा के संस्थापक राम विलास पासवान की पहली पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे, इस दौरान तेज प्रताप के साथ उनके मित्र व छात्र लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आकाश यादव भी मौजूद रहे। वहीं साथ में पशुपति पारस व सासंद प्रिस राज भी नजर आए। बता दें कि तेज प्रताप विगत माह चिराग पासवान द्वारा पटना में रामविलास पासवान की बरखी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। उस कार्यक्रम में तेजस्वी यादव जरूर शामिल हुए थे, जबकि पशुपति पारस के कार्यक्रम से तेजस्वी अब तक दूर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि वह कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में एक तरफ जहां आरजेडी का कोई बड़ा नेता शामिल नहीं हुआ। वहीं राजद सुप्रीमो के बड़े लाल तेजप्रताप यादव यहां पहुंचे और वह पशुपति पारस और प्रिंस के साथ नजर आए। उन्होनें स्व. रामविलास पासवान की तस्वीर के आगे श्रद्धा-सुमन अर्पित किए औऱ उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होनें कहा कि यहां आकर मुझे अच्छा लगा। रामविलास पासवान दलितों के नेता थे। हम उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं। वह पितातुल्य थे, उनसे हमारा पारिवारिक रिश्ता था। हमारा उनके घर बचपन से ही आना-जाना था। उनका राजनीति में फिलहाल जो कद है, उससे काफी पहले से हमारी जान-पहचान है, इसलिए यहां आना स्वभाविक था। इसके इतर उन्होनें भी स्व. रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग की है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी दर्ज कराई उपस्थिति

स्व. रामविलास पासवान की प्रथम पुण्यतिथि पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी लोजपा कार्यालय पहुंचे। उन्होनें स्व. रामविलास पासवान को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और साथ ही पशुपति पारस और प्रिंस राज से मुलाकात की। इस दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होनें कहा कि रामविलास पासवान एक ऐसे व्यक्ति थे जो सर्वसमाज को जोड़कर रखते थे। मैं यही कहूंगा कि इतने सालों में मेरा कभी उनसे बहुत पुराना राजनीतिक संबंध नहीं रहा। एनडीए में आने के बाद ही मैं उनसे जुड़ा। वह जहां रहे, उसके साथ होकर रहे। हम उन्हें प्रथम पुण्यतिथि पर याद करते हैं और चाहते हैं वह जहां भी हो, हमपर, परिवार पर, अपनी पार्टी पर और देश पर कृपा बनाएं रखें।

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