बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

पटना की बजाय अब नोएडा में खपा रहे रिश्वत के पैसे ! DEO मिथिलेश तो एक बानगी हैं... वैसे कई हैं निगरानी के रडार पर, दूसरे जिले वाले तो इससे भी बड़े 'धनकुबेर' निकलेंगे

पटना की बजाय अब नोएडा में खपा रहे रिश्वत के पैसे ! DEO मिथिलेश तो एक बानगी हैं... वैसे कई हैं निगरानी के रडार पर, दूसरे जिले वाले तो इससे भी बड़े 'धनकुबेर' निकलेंगे

PATNA: बिहार में बेपटरी हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के.पाठक दिन-रात इस कोशिश में लगे हैं. लेकिन इसी कोशिश का एक नकारात्मक परिणाम भी निकल कर सामने आ रहा. शिक्षा विभाग के अधिकारी और भी शोषण करने में जुट गए हैं. उन्हें किसी का डर नहीं रहा. वैसे शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है. यहां तो पैसे के लिए शिक्षकों को प्रताड़ित करने में विभाग के अधिकारियों में प्रतिस्पर्धा है. शिक्षकों को डरा-धमका कर वसूली की जा रही. योजनाओं को कागज पर पूर्ण करा कर सरकारी राशि की बंदरबांट किया जा रहा. ऐसे भ्रष्ट अफसर सरकार से बेहतर काम करने का प्रशस्ति पत्र भी ले रहे. 8 दिसंबर को निगरानी विभाग ने जब शिक्षा विभाग के डीईओ के ठिकानों पर छापेमारी की तो अर्जित संपत्ति को देखकर आंखें फटी रह गई.  वैसे सिवान के डीईओ अकेले ऐसे धनकुबेर नहीं हैं. बल्कि जिलों में पदस्थापित दर्जनों ऐसे अफसर हैं जिन्होंने अकूत संपत्ति अर्जित की है. ऐसे धनकुबेर अब बिहार में नहीं बल्कि दिल्ली और आसपास में रिश्वत के पैसे से संपत्ति बना रहे. सिवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी इसके उदाहरण हैं.  वैसे इस सेवा के कई अफसर निगरानी के रडार पर हैं।

मिथिलेश कुमार जैसे कई अन्य धनकुबेर अफसर कुंडली मार बैठे हैं

सिवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार रिश्वत के पैसे को दिल्ली में खपा रहे थे. राष्ट्रीय राजधानी के आसपास ये फ्लैट खरीद कर सरकार की नजरों में ईमानदार बनने का दिखावा कर रहे थे. सिवान से पहले औरंगाबाद में डीपीओ रहते मिथिलेश कुमार ने शिक्षकों को पैसे के लिए प्रताड़ित कर खूब माल बनाया. अवैध कमाई को इन्होंने ग्रेटर नोएडा में खपाया. तभी तो एक फ्लैट की बात कौन करे,चार-चार फ्लैट ग्रेटर नोएडा में मिले हैं. निगरानी ने ईमानदार बन रहे सिवान के डीईओ मिथिलेश कुमार की पूरी कुंडली खोल दी है. मिथिलेश कुमार के ठिकानों पर रेड की खबर के बाद औरंगाबाद में इनसे प्रताड़ित हुए कई शिक्षकों ने सोशल मीडिया में अपनी तरह से प्रतिक्रिया दी है. वैसे मिथिलेश कुमार अकेले ऐसे जिला शिक्षा पदाधिकारी या कार्यक्रम पदाधिकारी नहीं हैं, बल्कि इस लिस्ट में अनगिनत हैं. आज भी कुछ ऐसे डीईओ/डीपीओ हैं, जिन्होंने हाल के समय में दोनों हाथ से माल बटोरा है या बटोर रहे हैं. ईमानदार बनने के लिए प्रशस्ति पत्र भी ले रहे, पुरस्कार का प्रचार करवा रहे, ताकि लोगों की नजरों में उन्हें भ्रष्ट नहीं बल्कि अच्छा अफसर कहा जाए. जिलों में पदस्थापित शिक्षा के कई ऐसे अफसर हैं जो दिल्ली,ग्रेटर नोएडा में चोरी-छुपे संपत्ति अर्जित की है. ऐसे शातिर अफसर अब पटना में संपत्ति खरीदने से बच रहे. क्यों कि यहां पोल खुलने का डर रहता है. लिहाजा ये सभी दिल्ली से लेकर नोएडा, लखनऊ में फ्लैट-प्लॉट खरीद रहे. अगर निगरानी ब्यूरो कुछ बड़े जिलों में पदस्थापित शिक्षा अधिकारियों की कुंडली खंंगाले तो मिथिलेश कुमार सरीखे कई धनकुबेर अफसरों की पोल खुलेगी.   

सिवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार के ठिकानों पर 8 दिसंबर को सुबह-सुबह छापेमारी शुरू हुई. निगरानी रेड में रिश्वत का पैसा भी धरा गया. संभावना है कि एक-दो दिन पहले जो रिश्वत ली गई थी, उसे वह अधिकारी ठिकाना नहीं लगा पाया था. लिहाजा आवास में ही पैसा पकड़ा गया.इसके अलावे पटना से लेकर दिल्ली तक फ्लैट मिले हैं. लाखों रू नकद, जमीन के कई कागजात मिले हैं. निगरानी की जांच आगे भी जारी है

सिवान आवास से 11.50 लाख रू मिले

आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने मामले में सिवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार के ठिकानों पर निगरानी ने रेड डाला. डीईओ मिथिलेश कुमार के खिलाफ आय से 87 लाख 8054 रू अधिक अर्जित करने का केस दर्ज हुआ है .केस के बाद ब्यूरो के अधिकारियों ने निगरानी कोर्ट से सर्च वारंट लिया और तलाशी शुरू की. भ्रष्ट अधिकारी के सिवान स्थित कार्यालय की तलाशी में 2 लाख 22500 बरामद किए गए. सिवान आवास की तलाशी में कुल 11 लाख 50 हजार रुपए बरामद किए गए हैं. वहीं पटना आवास की तलाशी में 2 लाख नकद बरामद किया गया है. 

ग्रेटर नोएडा में 4 फ्लैट 

जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार ने अपने एवं परिजनों के नाम पर ग्रेटर नोएडा में चार फ्लैट खरीदा है. इसके अलावे औरंगाबाद में पांच भूखंड, पटना में एक फ्लैट एवं दो भूखंड के कागजात मिले हैं. इस तरह से कुल 1 करोड़ 88 लाख 92 हजार 970 रुपए की संपत्ति मिली है. इसके साथ ही विभिन्न बैंकों के साथ खाता में जमा 28 लाख 88000 मिले हैं. निगरानी की जांच आगे भी जारी है. 

Suggested News