कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में आयोजित मोरारी बापू की राम कथा सुनने पहुंचे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री, लगाए जय श्रीराम का नारे

DESK : दो सौ साल तक भारत पर राज करने के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत को आजाद करनेवाली ब्रिटेन की फिजा बदल रही है। अंग्रेजों का यह देश धीरे-धीरे भारतीय रंग में रंगता हुआ नजर आने लगा है। इसी साल की शुरूआत में भारतीय मूल के ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला। अब ब्रिटेन के प्रसिद्ध कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में रामकथा का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसे सुनने के लिए प्रधानमंत्री सुनक परिवार के साथ से साथ पहुंचे, बल्कि इस दौरान खुद को हिंदू बताया और जय श्रीराम का नारा भी लगाया।
दरअसल , कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में लोकप्रिय संत मोरारी बापू द्वारा रामकथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसे सुनने के लिए ऋषि सुनक भी पहुंचे और उन्होंने मोरारी बापू का आशीर्वाद भी लिया। इस दौरान ऋषि सुनक ने कहा- मेरे लिए धर्म बहुत व्यक्तिगत है। यह जीवन के हर पहलू में मुझे रास्ता दिखाता है। प्रधानमंत्री होना एक सम्मान की बात है, लेकिन यह कोई आसान काम नहीं है। यहां आपको कठिन फैसले लेने होते हैं।
सुनक बोले- राम मुझे प्रेरणा देते हैं, चुनौतियों का सामना करना सिखाते हैं
ऋषि सुनक ने कहा- धर्म मुझे देश के लिए बेस्ट काम करने के लिए साहस और शक्ति देता है। राम हमेशा से मुझे प्रेरणा देते हैं। वे जीवन की चुनौतियों का साहस के साथ सामना करना, विनम्रता के साथ शासन करना और निस्वार्थ भाव से काम करना सिखाते हैं। उन्होंने आगे कहा- जब मैं चांसलर था, उस दौरान दीपावली पर 11 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर दिए जलाना मेरे लिए बहुत खास पल था। मुझे हिंदू होने पर गर्व है और ब्रिटिश होने पर भी।
भगवत गीता और हनुमान चालीसा को भी फॉलो करते हैं सुनक
रामकथा में ऋषि सुनक ने अपने बचपन को भी याद किया। उन्होंने कहा- बचपन में हम स्थानीय मंदिर में जाते थे। वहां मेरा परिवार हवन, पूजा और आरती कराता था। इसके बाद मैं अपने भाई-बहनों और कजिन्स के साथ प्रसाद बांटता था। सुनक ने कहा कि वे रामायण के साथ भगवत गीता और हनुमान चालीसा को भी फॉलो करते हैं। उन्होंने मोरारी बापू का भी धन्यवाद किया।
सुनक की टेबल पर रखी रहती है गणेश भगवान की मूर्ति
सुनक ने कहा कि जिस तरह मोरारी बापू के आसन के पीछे हनुमान जी की सुनहरी तस्वीर लगी हुई है, उसी तरह मेरे ऑफिस की टेबल पर गणेश जी की सुनहरी मूर्ति रखी रहती है। उनकी मूर्ति मुझे लगातार कोई काम करने से पहले सुनने और उस पर विचार करने के जरूरत की याद दिलाती है।