पटना- "भाई जी ई त एकदम गमका दिहलन! प्रतिशोध के ज्वाला में धधक रहल बाड़े ! बिस्कोमान के उपर नालंदा लिखा हुआ सारा बोर्ड गजरा- मुरई की तरह उखड़वा कर गांधी मैदान में फेंकवा दिए!
जैसा कि मीडिया के बंधुओं ने बताया कि यही क्रोध में धधकते हुए ज्ञान भवन में ज्ञान का बखान नहीं किए!" दरअसल राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के एक करीबी नेता ने इन लाइनों को एक फोटो के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इन नेता जी ने इशारों-इशारों में सीएम नीतीश कुमार पर फिर से हमला बोल दिया है। पहले नीचे देखिए वो तस्वीर...
RJD के एमएलसी सुनील सिंह। इससे पहले भी ये सीएम नीतीश पर तस्वीरों के जरिए इशारा कर चुके हैं। अब इस नई पोस्ट में उन्होंने गुरुवार को विस्कोमान पर सरकार के क्रोध पर निशाना साधा है. बिहार की राजधानी की सबसे ऊंची बिल्डिंग का दर्जा रखनेवाले बिस्कोमान भवन को देखकर गुरुवार को सरकार भड़क गए। कहा जा रहा है कि उनकी नाराजगी बिल्डिंग पर लिखे नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के नाम को लेकर था। जिसको लेकर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब विश्वविद्यालय को नालंदा में शिफ्ट कर दिया गया है तो यह नाम अब तक इमारत पर क्यों लिखा हुआ है। सीएम की इस नाराजगी को देखते हुए तत्काल जिला प्रशासन ने बिस्कोमान की इमारत से नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के नाम को हटाने का फरमान जारी कर दिया।
दरअसल, बताया जा रहा है कि गुरुवार की सुबह नीतीश कुमार गांधी मैदान के पास स्थित ज्ञान भवन में चल रहे बिजनेस सम्मिट कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर बिस्कोमान भवन पर पड़ गई। जहां अभी तक नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी का नाम इमारत पर लिखा हुआ था। सीएम को यह बात पसंद नहीं आई और उन्होंने तत्काल इसे हटाने का आदेश जारी कर दिया। ज्ञान भवन के कार्यक्रम की समाप्ती के बाद फायर बिग्रेड की टीम पूरी तैयारी के साथ पहुंची और पहले तो बिल्डिंग पर लगे नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के नाम को धोया और फिर नाम को इमारत से हटा दिया गया।
बता दें कि नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी पिछले कई सालों से पटना के बिस्कोमान भवन से ही संचालित होता रहा है। कुछ माह पहले यूनिवर्सिटी की अपनी नई बिल्डिंग तैयार कराई गई है। जिसके बाद से विश्वविद्यालय का सारा कामकाज भी पटना से नालंदा शिफ्ट कर दिया गया है। राजनीति के जानकारों में इस बात की चर्चा है कि नीतीश कुमार का गुस्सा सिर्फ बिल्डिंग पर लिखे नालंदा यूनिवर्सिटी के नाम को लेकर नहीं था। उनका गुस्सा बिस्कोमान अध्यक्ष और राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह को लेकर था। सालों से बिस्कोमान और नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी एक दूसरे की पहचान बन चुके थे। अब नाम हटाकर इस पहचान को भी खत्म कर दिया गया है।
इसपर राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई राजद एमएलसी डॉ सुनील सिंह ने नीतीश का नाम लिए बिना सोशल साइट पर एक पोस्ट शेयर कर दिया जिसमें लिका है कि "भाई जी ई त एकदम गमका दिहलन! प्रतिशोध के ज्वाला में धधक रहल बाड़े ! बिस्कोमान के उपर नालंदा लिखा हुआ सारा बोर्ड गजरा- मुरई की तरह उखड़वा कर गांधी मैदान में फेंकवा दिए! जैसा कि मीडिया के बंधुओं ने बताया कि यही क्रोध में धधकते हुए ज्ञान भवन में ज्ञान का बखान नहीं किए!"
इतना साफ है कि एक बार फिर से राजद नेता सुनील सिंह ने बगैर सीएम नीतीश का नाम लिए उन पर हमला किया है। सवाल ये भी है कि आखिर सुनील सिंह किसकी शह पर ऐसा कर रहे हैं? वो भी तब जब नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव के साथ लोकसभा चुनाव के लिए केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ झंडा बुलंद किए हुए हैं। अब इसका जवाब या तो सुनील सिंह खुद दे सकते हैं, या फिर राजद के नेता। लेकिन इतना तय है कि उनके इस नए पोस्ट पर सियासी बवाल मचना तय है।