BSEB 12th RESULTS: मधु भारती, सुगंधा कुमारी, सोनाली कुमारी बनीं इंटरमीडिएट की टॉपर्स

DESK: बिहार बोर्ड के 12वीं के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने 12वीं की परीक्षाओं के नतीजे घोषित किए. इस दौरान अपर मुख्य सचिव संजय कुमार और बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर भी मौजूद रहे. यह पहला मौका है जब देश में सबसे पहले बिहार बोर्ड ने 12वीं की परीक्षाएं आयोजित की और लगातार तीसरे वर्ष सबसे पहले परीक्षा फल प्रकाशित करने का गौरव प्राप्त किया है. नतीजोंं की बात की जाए तो इस बार भी लड़कियां लड़कों से आगे रही हैं. तीनों संकाय में लड़कियां टॉपर बनी हैं.
इंटरमीडिएट परीक्षा के टॉपर्स की बात की जाए तो आर्ट्स संकाय में संयुक्त टॉपर्स बने हैं. खगड़िया की मधु भारती और सिमुलतला के कैलाश कुमार ने 92.6% के साथ बाजी मारी है. वहीं वाणिज्य संकाय में सुगंधा कुमारी 94.2% अंकों के साथ अव्वल आईं है. इसके अलावा विज्ञान संकाय में नालंदा की सोनाली कुमारी 94.2% अंकों के साथ अव्वल आईं हैं.
कोरोना काल में आयोजित की गई सबसे बड़ी परीक्षा में कुल 13 लाख 40 हजार 267 छात्र- छात्राएं शामिल हुए थे. इनमें से 10 लाख 45 हजार 950 बच्चे पास हो गए हैं. यानी कि इस बार कुल 78 प्रतिशत बच्चे इंटर की परीक्षा में सफल हुए हैं. लड़कियों का पास परसेंट 80. 57% जबकि लड़कों का 75.71% है. इस बार के परीक्षाफल में आर्ट्स संकाय में एक लाख नौ हजार पांच सौ तीस बच्चे प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं. वहीं 3 लाख 29 हजार 926 परीक्षार्थी द्वितीय श्रेणी में पास हुए हैं. तीसरी श्रेणी में 1 लाख 27 हजार 194 बच्चे आए हैं. वाणिज्य संकाय में प्रथम श्रेणी में 37 हजार 258 बच्चे पास हुए हैं. वहीं द्वितीय और तृतीय श्रेणी में क्रमशः 24 हजार 242 और 6 हजार 106 बच्चे पास हुए. इसके अलावा विज्ञान संकाय में प्रथम श्रेणी में 2 लाख 14 हजार 657 बच्चे उत्तीर्ण हुए. द्वितीय श्रेणी में 1 लाख 88 हजार 574 परीक्षार्थी पास हुए हैं. तृतीय श्रेणी में मात्र 8 हजार 36 बच्चे उत्तीर्ण हुए हैं. सबसे अच्छे नतीजे कॉमर्स संकाय से आए जहां 91.48% बच्चे पास हो गए हैं. वहीं कला संकाय में 77.97% और साइंस संकाय में 76.38% बच्चों ने सफलता हासिल की.
परीक्षाओं के नतीजे जारी करने के बाद शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि तीनों संकायों में लड़कियां आगे हैं. बिहार के लगभग सभी क्षेत्रों में कमोबेश लड़कियां ही आगे है. इससे ये बात साबित होती है कि सरकार ने लड़कियों को पढ़ाने को लेकर जो काम किया है, उसका सकारात्नक असर दिख रहा है.